वाराणसी। ब्रेथईजी द्वारा आयोजित एक वार्ता में ब्रेथ ईजी के वरिष्ठ श्वांस रोग विशेषज्ञ डॉ एस.के पाठक ने बताया कि होली के दौरान अस्थमा या सांस से जुड़ी समस्याओं वाले मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है, क्योंकि रासायनिक रंगों और धूल के कणों के कारण अस्थमा का अटैक हो सकता है। डॉ. पाठक ने कुछ सुझाव भी दिए, जो मददगार साबित हो सकते हैं। डॉ पाठक ने बताया कि प्राकृतिक रंगों का उपयोग करें रासायनिक रंगों से बचें और हर्बल या प्राकृतिक रंगों को प्राथमिकता दें, क्योंकि इनमें हानिकारक रसायन नहीं होते हैं। धूल और रंगों से बचने के लिए मास्क का इस्तेमाल करें। इससे सांस लेने में दिक्कत कम हो सकती है। अगर आप अस्थमा मरीज हैं, तो अपने इनहेलर को हमेशा पास रखें और जरूरत पड़ने पर तुरंत इस्तेमाल करें तथा भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें, जहां रंगों और धूल का अधिक प्रभाव हो सकता है।
डॉ पाठक ने आगे यह भी बताया कि अगर रंगों के संपर्क में आने के बाद सांस लेने में तकलीफ हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और हल्की भाप ले और गर्म पानी पीना भी राहत देने में मदद कर सकता है। अंत में कहा कि दवाओं और इनहेलर को समय पर लेना जारी रखें। आपकी सुरक्षा और त्योहार का आनंद दोनों महत्वपूर्ण हैं। होली के इस रंगीन त्योहार को सुरक्षित और खुशीपूर्वक मनाने की कोशिश करें।