मातृ भाषा हमारी सभ्यता और संस्कृतियों की संवाहक : प्रो. मीनू अवस्थी
नमो घाट पर आयोजित काशी तमिल संगमम् 3.0 में केंद्रीय संचार ब्यूरो, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा लगायी चित्र प्रदर्शनी में अंतराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस के अवसर पर हिंदी विभाग, वसंत महिला महाविद्याल, राजघाट, वाराणसी की छात्राओं के मध्य कविता पाठ, पोस्टर पेंटिंग, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता और संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि वसंत महिला महाविद्याल, राजघाट, वाराणसी की प्रोफेसर मीनू अवस्थी ने कहा मातृ भाषा ही वह भाषा है जो मानव जन्म के बाद बोलता है। किसी की भी मातृ भाषा केवल भाषा नहीं बल्कि एक भाव है। बिना अपनी मातृ भाषा के ज्ञान के व्यक्ति का सर्वांगीण विकास सम्भव नहीं है। मातृ भाषा हमारी सभ्यता और संस्कृतियों की संवाहक और सामाजिक सदभाव, राष्ट्रीय एकता एवं जन संचार का सशक्त माध्यम है। प्रो. अवस्थी ने कहा कि भारत में अनेक स्थानीय भाषा एवं बोलियां हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में शिक्षा के शुरुआती चरणों से लेकर उच्च शिक्षा तक मातृभाषा आधारित शिक्षा को प्रोत्साहित करने का प्रावधान किया गया है।
डॉ.राजेश चौधरी ने कहा की मातृ भाषा मानव की भावना से जुडा होता है। विश्व में बहुत सी भाषाएँ हैं जो अपनी भौगोलिक परिवेश में अपनों के बीच संवाद का माध्यम हैं। उन्होंने कहा हमें सभी भाषाओं का सम्मान करना चाहिए।
सीबीसी, वाराणसी के सहायक निदेशक, डॉ. लालजी ने कार्यक्रम का संचालन किया। विभिन्न प्रकार की हुई प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया।