वाराणसी। नई शिक्षा नीति के तहत, लिटिल फ्लावर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड हायर स्टडीज अब डिग्री के साथ "मैनेजमेंट सर्टिफिकेट कोर्स की पेशकश कर रहा है। यह पहल खासकर उन छात्र-छात्राओं के लिए है जो अपनी शिक्षा के बाद रोजगार में सफलता पाना चाहते हैं। इस परिवर्तन के लिए स्कूल के निदेशक नलिन गुलाटी का दूरदर्शी नेतृत्व जिम्मेदार है। सह-निदेशक श्रीमती अदिति गुलाटी ने बताया कि लिटिल फ्लावर स्कूल ने एडटेक कंपनी यंग स्किल्ड इंडिया के साथ एक महत्वपूर्ण एमओयू साइन किया है, जो भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप है। यह कोर्स छात्र-छात्राओं को नौकरी के लिए तैयार करने के साथ-साथ रोजगार सृजन के अवसर भी प्रदान करेगा। प्राध्यापिका डा. अर्चना श्रीवास्तवा के अनुसार, यह कोर्स 90% प्रैक्टिकल और केस स्टडी बेस्ड है, जिसमें उद्योग विशेषज्ञों और मैनेजमेंट प्रोफेसरों द्वारा सजीव ऑनलाइन कक्षाएं ली जाएंगी। कोर्स में सेल्स, मार्केटिंग, एचआर, फाइनेंस जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में स्पेशलाइजेशन किया जाएगा, जिससे महिलाओं और युवाओं को रोजगार के मौके मिलेंगे। इस कोर्स में वर्किंग और नॉन वर्किंग लोग भी मैनेजमेंट सर्टिफिकेट कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं और जॉब पाने के लायक बन सकते हैं।
प्रबंधक ओपी पांडेय ने बताया कि इस कोर्स के जरिए छात्र-छात्राएं नौकरी प्राप्त करने के लिए पूरी तरह से तैयार होंगे और यह उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाएगा। कोर्स की अवधि केवल 6 महीने होगी और यह बेहद किफायती है। नौकरी पाने के लिए जरूरी "प्रबंधन कौशल" सीखने से छात्र-छात्राओं में आत्मविश्वास का संचार होगा। यह कोर्स स्रातक कोर्सों से जोड़ा जाएगा, जिससे NAAC और UGC की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप 75% छात्र-छात्राओं को रोजगार के लिए तैयार किया जा सकेगा। वैश्विक बेरोजगारी की एक बड़ी वजह युवाओं और महिलाओं में "प्रबंधन कौशल" की कमी है, जो सभी प्रकार के रोजगार के लिए अनिवार्य है। यही कारण है कि अधिकांश कंपनियां उन्हीं उम्मीदवारों को प्राथमिकता देती हैं जिनके पास मैनेजमेंट स्किल्स होते हैं। यह कोर्स भारत समेत पूरी दुनिया में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए एक अहम कदम है।