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बसंत पंचमी के पावन अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ धाम में विशेष पूजा एवं आराधना एवं बाबा विश्वनाथ का तिलक उत्सव



 03/Feb/25

सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने।

विद्यारूपे विशालाक्षि विद्यां देहि नमोऽस्तुते।।

हे मां सौभाग्य दायिनी, विद्या रूपिणी, ज्ञानरूपिणी, कमल के समान नेत्रों वाली सरस्वती. मुझे विद्या प्रदान करें. आपको मेरा नमस्कार है.

बसंत पंचमी के पावन अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ धाम में माँ सरस्वती की विशेष पूजा और आराधना का आयोजन किया गया। इस विशेष पूजा में माँ सरस्वती के विग्रह पर विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की गई। पूजा में याजक की भूमिका श्री कौशल राज शर्मा, मंडलायुक्त महोदय, वाराणसी मंडल ने निभाई। उनके साथ इस अनुष्ठान में मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, निखिलेश कुमार मिश्र, अपर पुलिस आयुक्त, एस.चिन्नपा, डिप्टी कलेक्टर शम्भू शरण, विशेष कार्याधिकारी, उमेश सिंह, एवं नायब तहसीलदार, मिनी.एल.शेखर भी उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर इस विशेष अवसर पर माँ सरस्वती से विद्या, बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति की कामना की।

बसंत पंचमी के दिन विशेष रूप से विद्या और कला की देवी माँ सरस्वती की पूजा का अत्यधिक महत्व है। यह पर्व विद्यार्थियों, शिक्षकों और कलाकारों द्वारा विशेष रूप से मनाया जाता है, ताकि उनके ज्ञान में वृद्धि हो और उनका बौद्धिक विकास हो सके। भारतीय संस्कृति में यह दिन विद्या के सम्मान और महत्ता का प्रतीक माना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस दिन माँ सरस्वती की पूजा से व्यक्ति की बुद्धि में वर्धन होता है और ज्ञान की प्राप्ति होती है।

इस विशेष अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ धाम के प्रांगण में काशी की परंपरा को अक्षुण्ण रखते हुए बाबा विश्वनाथ की पंचबदन रजत मूर्ति का अलंकरण कर महादेव का तिलक उत्सव भी संपन्न किया गया। इस उत्सव के दौरान शास्त्रियों द्वारा चारों वेदों की ऋचाओं का पाठ किया गया और महादेव का अभिषेक भी विधिपूर्वक किया गया। इसके बाद महादेव को फलाहार का भोग अर्पित किया गया। इस अवसर पर उपस्थित योजकों ने माँ सरस्वती और बाबा विश्वनाथ से आशीर्वाद प्राप्त किया।

बसंत पंचमी का यह पर्व भारतीय सनातन परंपरा में ज्ञान की महत्ता को दर्शाता है। महाकुम्भ के पलट प्रवाह के कारण श्री काशी विश्वनाथ धाम में हो रही अपार श्रद्धालुओं की संख्या के कारण इस समय विशिष्ट सुरक्षा प्रतिबंधों के साथ ही दर्शन की व्यवस्था है। अतः आज आयोजित इस पूजा में न्यास प्रशासन एवं पुलिस सुरक्षा के अधिकारियों तथा कार्मिकों के द्वारा ही संपूर्ण आयोजन संपन्न किया गया तथा प्रतिनिधि रूप में समस्त श्रद्धालुओं की भावना माँ सरस्वती तथा भगवान शिव को अर्पित की गई। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास सतत यह प्रबंध सुनिश्चित करते रहने को प्रतिबद्ध है जिससे सभी श्रद्धालुओं की सुविधा एवं सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए काशी की विशिष्ट परंपराओं का निर्वहन भी किया जाता रहे। आज के पुण्य आयोजन को श्री काशी विश्वनाथ महादेव के धाम में मां सरस्वती ने ज्ञान बुद्धि कला के आशीष से समृद्ध किया।

 


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