डैलिम्स सनबीम ग्रुप ऑफ स्कूल्स एण्ड हॉस्टल रोहनियाँ, वाराणसी में दिनांक 25 दिसंबर 2024, दिन बुधवार सायं 3 बजे से संस्था के प्रारम्भिक बैच से लेकर 2020 तक के पुरातन छात्र-छात्राओं का समागम हुआ । सर्वप्रथम डैलिम्स सनबीम के संस्थापकद्वय डॉ० अमृतलाल इशरत व मैडम दीश इशरत की छाया प्रति पर संस्था के अध्यक्ष डॉ.प्रदीप 'बाबा' मधोक, निदेशिका श्रीमती पूजा मधोक, अतिरिक्त निदेशक माहिर मधोक, डीन ऑफ एकेडमिक सुभोदीप डे तथा प्रधानाचार्या श्रीमती गुरमीत कौर ने माल्यार्पण अर्पित कर दीप प्रज्ज्वलित किया। आज के इस सम्मेलन ने उपस्थित सभी छात्रों को उनके विद्यालयीय जीवन की सुनहरी यादों को फिर से एक बार ताज़ा कर दिया। इस दौरान कई बैच के छात्र-छात्राएं अपने खट्टे-मीठे संस्मरणों को एक दूसरे तथा शिक्षकों के साथ साझा कर रोमांचित हुए।
पुरातन छात्रों ने संस्था की अहम् भूमिका और अनुशासन को याद करते हुए कहा कि हम उन जड़ों का जश्न मनाने के लिए फिर से एक हो रहे हैं, जिन्होंने हमें फलने-फूलने के लिए आकार दिया। वे यादें जो हमें बाँधती हैं, और वे सपने जो हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं, साथ मिलकर हम अपनी मातृ संस्था की विरासत के प्रमाण हैं। कुछ छात्रों ने अपने अनुभव व्यक्त करते हुए कहा कि इस विद्यालय ने न केवल हमें शिक्षित किया है, बल्कि हमें आत्मनिर्भर भी बनाया है।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों से पूर्व छात्रों के स्वागत में विद्यालय के रॉकस्टार्स ने ऑर्केस्ट्रा के साथ स्वागत गीत प्रस्तुत कर उनका अभिनंदन किया।
तत्पश्चात संस्था के डीन ऑफ एकेडमिक सुभोदीप डे ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि आप सभी की सफलता को देखकर संस्था का प्रत्येक सदस्य अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
संस्था के अध्यक्ष डॉ.प्रदीप 'बाबा' मधोक ने छात्रों की उपस्थिति प्रति आह्लादित होते हुए कहा कि छात्र विद्यालय में पढ़ाई करने के आते हैं और शिक्षा पूरी होने के बाद विभिन्न क्षेत्रों में चले जाते हैं, लेकिन उनकी स्मृतियाँ शेष रह जाती हैं।
संस्था की निदेशिका श्रीमती पूजा मधोक ने कहा कि एक शिक्षक सदैव बेहतर निर्देशन देते हैं, परंतु जीवन में संघर्ष हमें स्वयं करने पड़ते हैं। परिश्रम एवं संघर्ष से ही हमारे व्यक्त्तित्व का निर्माण होता है, जो हमें सफलता की ओर ले जाता है।
अतिरिक्त निदेशक माहिर मधोक, जो स्वयं इस विद्यालय के पुरातन छात्र भी रह चुकें हैं, ने सभी से आह्वान किया कि संस्था को देश का सर्वोत्कृष्ट संस्थान बनाने में हमें आप सभी के सहयोग की सदैव अपेक्षा रहेगी, ताकि इससे नई पीढ़ी को मजबूती प्राप्त हो।
हर्षातिरेक के इस अवसर पर छात्रों के लिए अनेकानेक सांस्कृतिक कार्यक्रम [गीत-संगीत एवं नृत्य] एवं मनोरंजक खेल [दृश्य-प्रदर्शन, डीकोड-ए-थान, तंबोला, पिकल बॉल, बास्केटबॉल आदि का आयोजन किया गया, जिसमें सभी ने बढ़चढ़कर मनोरंजन किया।
कार्यक्रम के अंत में प्रधानाचार्या श्रीमती गुरमीत कौर ने सभी उपस्थित भूतपूर्व छात्रों एवं गणमान्य व्यक्तियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि आप जहाँ भी रहे विद्यालय की उन्नति हेतु सदैव इसी तरह जुड़े रहे। आपके उज्ज्वल भविष्य की हम सभी की ओर से ढेर सारी शुभकामनाएँ।