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वाराणसी विकास प्राधिकरण ने "इन्फोर्समेट जियाट्रिक्स सॉफ्टवेयर‘‘ के माध्यम से सेटेलाइट डाटा के आधार पर  अवैध प्लाटिंग के खिलाफ की कार्रवाई 



 30/Nov/24

वाराणसी विकास प्राधिकरण का विकास क्षेत्र कुल लगभग 1073 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। उक्त क्षेत्रान्तर्गत नगर निगम, वाराणसी के सम्पूर्ण क्षेत्र सहित कुल 850 गाँव सम्मिलित है। उक्त विकास क्षेत्र को कार्यहित में 05 जोन में विभक्त किया गया है। सूच्य है कि विकास क्षेत्र अन्तर्गत जनपद वाराणसी के 631 गाँव सहित चन्दौली जिले के 170 गाँव एवं मिर्जापुर जिले के 49 गाँव सम्मिलित है। उक्त क्षेत्रान्तर्गत अनधिकृत प्लाटिंग एवं अवैध निर्माण पर नियंत्रण लगाने हेतु वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा ‘‘इन्फोर्समेट जियाट्रिक्स सॉफ्टवेयर‘‘ के माध्यम से सेटेलाइट डाटा के आधार पर नव निर्माणों एवं अवैध प्लाटिंग का चिन्हांकन सहित अग्रिम कार्यवाही प्रारम्भ की गयी है। VDA उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग के निर्देश पर तकनीकी टीम द्वारा प्रथम चरण में 1000 वर्ग मीटर से बड़े 49 नव निर्माणों का चिन्हांकन क्रमशः जोन-01, 02 एवं 03 में किया गया है। 

उक्त सॉफ्टवेयर की विशेषताएं निम्नवत् है-

1. सेटेलाइट डाटा के आधार पर निर्माण का क्षेत्रफल, तल एवं निर्माण होने की अवधि का विवरण उसके अक्षांश, देशान्तर सहित प्राप्त हो जाता है।

2. वाराणसी विकास प्राधिकरण के विकास क्षेत्र में स्थित आराजियो/गॉवो का भू-प्रयोग उक्त सॉफ्टवेयर पर अपलोड है, जिससे निर्माण स्थल का भू-प्रयोग भी सेटेलाइट डाटा के साथ ही प्राप्त हो जाता है।

3. साफ्टवेयर द्वारा नव निर्माण स्थल तक पहुँचने का अनुकूल मार्ग गूगल लोकेशन के साथ दर्शित किया जाता है एवं स्थल तक निर्बाध पहुँच सुनिश्चित की जाती है।

4. उक्त सॉफ्टवेयर द्वारा सेटेलाइट डाटा के आधार पर 30 सेन्टीमीटर तक के विचलन का भी चिन्हांकन कर लिया जाता है।

5. उक्त सॉफ्टवेयर द्वारा चिन्हित नव निर्माण एवं अवैध प्लाटिंग का लोकेशन विवरण सहित लिंक सम्बन्धित जोन में प्रेषित कर दिया जाता है एवं जोन के अधिकारी/कार्मिक द्वारा उक्त चिन्हित स्थलों का निरीक्षण करते हुए अग्रिम कार्यवाही प्रारम्भ कर की जायेगी।

6. उक्त सॉफ्टवेयर के माध्यम से सेटेलाइट डाटा का प्रयोग करते हुए अधिक संख्या में नव निर्माणों का चिन्हांकन करते हुए शमन कराया जायेगा या उनके विरूद्ध प्रवर्तन कार्यवाही की जायेगी, जिससे वाराणसी विकास प्राधिकरण के राजस्व मे वृद्धि होने के साथ-साथ शहर के सुनियोजित विकास को भी गति मिलेगी।

7. उक्त सॉफ्टवेयर द्वारा सेटेलाइट डाटा के आधार पर निर्माण के पूर्व स्थल का फोटो एवं निर्माण के दौरान/पश्चात् स्थल का फोटो दर्शित किया जायेगा।

8. आज सैटेलाइट इमेज के आधार पर जोन-01 में 1000 वर्गमीटर से बड़े 02 निर्माण स्थलों की मौके पर जॉच की गयी, जिनका मानचित्र स्वीकृत पाया गया। इसी प्रकार जोन-03 दशाश्वमेध में 02 लॉन (दुल्हन पैलेस मैरिज लॉन एवं मौर्य मंगलम लॉन) में अवैध निर्माण किया जा रहा था, जिसके विरूद्ध उ0प्र0 नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 की सुसंगत धारा में नोटिस जारी किया गया।


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