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वाराणसी के रुद्रा हाइट्स अपार्टमेंट में जुए के फड़ से 41 लूट के मामले में महाराष्ट्र में धर्मेंद्र चौबे हुआ गिरफ्तार



 25/Nov/24

वाराणसी के रुद्रा हाइट्स अपार्टमेंट में जूए के फड़ से 41 लाख रुपये की लूट के मामले में पुलिस ने मुख्यमंत्री के कथित OSD धर्मेंद्र चौबे को महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया है। इस मामले में दूसरे आरोपित निलंबित इंस्पेक्टर परमहंस गुप्ता की तलाश है।
बता दें कि वाराणसी के थाना सारनाथ अंतर्गत रुद्र हाइट्स अपार्टमेंट में 7 नवंबर की रात हाई प्रोफाइल जूए की सूचना पर तत्कालीन सारनाथ थाना प्रभारी निरीक्षक परमहंस गुप्ता और एक कथित टीवी चैनल के पत्रकार धर्मेंद्र चौबे UP के CM का OSD बनकर पहुंचे थे। खबर है कि आधी रात में जुए की फड़ से करीब 41 लाख रुपये लूटकर भाग निकले थे। दो दिन बाद सोशल मीडिया पर घटनाक्रम की CCTV फूटेज वायरल होने के बाद पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने परमहंस गुप्ता को निलंबित कर दिया था। जबकि 14 नवंबर को इस मामले थानाध्यक्ष सारनाथ विवेक कुमार त्रिपाठी के द्वारा भारतीय न्याय संहिता BNS की धारा 173 के अंतर्गत पूर्व SHO परमहंस गुप्ता, चौबेपुर निवासी धर्मेंद्र चौबे तथा रुद्रा हाइट्स अपार्टमेंट के मालिक सहित 4 अज्ञात पर FIR दर्ज कर दिया गया है।
इसी प्रकरण की जांच कैंट इंस्पेक्टर राजकुमार कर रहे हैं। गिरफ्तारी के लिए 3 टीमें गठित हैं।
इसी मामले में पुलिस ने एक आरोपी चौबेपुर निवासी धर्मेंद्र चौबे को महाराष्ट्र मेंगिरफ्तार कर लिया है। उसे वाराणसी लाया जायेगा जबकि दूसरे आरोपी निलंबित इंस्पेक्टर परमहंस गुप्ता का कोई सुराग नहीं लग सका है।
बताते चलें कि इस हाई प्रोफाइल लूट के मामले में रूद्र हाइट्स अपार्टमेंट के उस कथित फ्लैट के मालिक गाजीपुर के शिक्षक ने एक अनौपचारिक बातचीत में क्लाउन टाइम्स को बताया कि घटना के दिन हमारे फ्लैट में जो भी लोग खाने-पीने के लिए उपस्थित थे, उन सभी के साथ ही हमारा भी बयान जांच अधिकारी के समक्ष हो चुका है। हम लोगों ने यही बयान दिया है कि 7 नवम्बर को इंस्पेक्टर साहब हमारे फ्लैट पर आए और कहा कि आप लोगों की जुआ खेलने की शिकायत है, तो हम लोगों ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि हम लोग छुट्टी के दिन आपस में मिल बैठकर खा-पी रहे हैं आपकी सूचना सत्य नहीं है। इसके बाद हम लोगों के साथ बैठे प्रतिष्ठित भाजपा नेता ने अपने साथ बैठे एक सहयोगी कोई सारा किया की पत्रकार साहब को दीपावली का गिफ्ट दे दो। नेताजी के निर्देश के बाद उन्हें दो बैग दिया गया, जिसमें एक में मिठाई और दूसरे में कपड़ा इत्यादि रहा है।
शिक्षक महोदय ने बताया कि इस पूरे घटनाक्रम में SHO और उनके साथी पत्रकार धर्मेंद्र शुक्ला के द्वारा 41 लाख रूपये लूट के आरोप में कोई सत्यता नहीं है, इससे हम लोग बदनाम हो रहे हैं।

कुल मिलाकर बनारस में 41 लाख रूपये लूट के मामला भले ही मीडिया की सुर्खियां बन गया है लेकिन घटना के दिन फ्लैट में उपस्थित आधा दर्जन से अधिक शहर के प्रतिष्ठ व्यापारियों में से कोई भी पुलिस के सामने यह कहने को तैयार नहीं है कि उसके साथ लूट हुई है। ऐसे में सवाल उठता है कि बिना शिकायत और चश्मदीद गवाह के यह मामला मीडिया के लिए मसाला है, लेकिन कानून के जानकारों की नजर में इस आरोप में कोई दम नहीं है। अब देखना है कि 41 लाख की लूट में गिरफ्तार धर्मेंद्र शुक्ला और आरोपित इंस्पेक्टर कब तक बाइज्जत बरी होते हैं, या उन्हें कोई सजा भी मिल पाती है।

इसे कहते हैं खोदा पहाड़ और निकली चुहिया...


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