वाराणसी विकास प्राधिकरण में 5000 रुपये घूस लेते संपत्ति विभाग में कार्यरत बाबू रवि शंकर को एंटी करप्शन ने पकड़ा हैं। टीम द्वारा उसे पड़कर कैंट थाने लाया गया, जहां विधिक कार्रवाई की जा रही है।
बताया जा रहा है कि शास्त्री नगर कॉलोनी सिगरा में फ्लैट हस्तांतरण के लिए पिछले चार साल से अधिवक्ता शिवकुमार चक्कर लगा रहे थे। जिसमें कर्मचारियों ने 50,000 रुपये की मांग की थी। इसी क्रम में मंगलवार को पहली किस्त के तहत 5000 रुपये दिया गया। पैसा लेते ही टीम ने उसे रवि शंकर को दबोच लिया।
आरोप है कि कर्मचारी पिछले कई दिनों से काम करवाने के एवज में पैसे की डिमांड कर रहा था, जिसकी शिकायत के बाद उसे गिरफ्तार किया गया.इस बारे में शिकायतकर्ता शिवकुमार सिंह ने बताया कि वह अपने वकील के माध्यम से वाराणसी विकास प्राधिकरण के संपत्ति विभाग में अपने एक फ्लैट के स्थानांतरण के लिए लगातार परेशान थे. पहले यह फ्लैट उसकी बुआ के नाम हुआ करता था, लेकिन 2019 में फ्लैट का नामांतरण करने की वाराणसी विकास प्राधिकरण में अर्जी दी गई थी, जिसके बाद यहां पर संपत्ति विभाग में तैनात कर्मचारी रवि शंकर उनसे 2 लाख रुपये की डिमांड कर रहा था. किसी तरह 50 हजार में मामला तय हुआ था, लेकिन उसके बाद भी नहीं फ्लैट ट्रांसफर नहीं हुआ.इसे लेकर पार्ट में पैसा देने पर रजामंदी बनी थी. इसकी शिकायत उसने कल अधिकारियों से भी की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद एंटी करप्शन टीम को इसकी सूचना दी गई और पूरी प्लानिंग के साथ मंगलवार को विभाग के कर्मचारियों ने पांच हजार रुपये रिश्वत के तौर पर पहली किस्त देने की प्लानिंग के साथ पीड़ित को वहां भेजा. इसके बाद उसने जैसे ही बाबू रवि शंकर को रिश्वत के पैसे दिए, वैसे ही टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया।