आज 15 नवम्बर 2024 को देव दीपावली के पावन पर्व के अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ धाम में भव्य सजावट किया गया। धाम में पधारे दर्शनार्थियों की कुल संख्या 282129 रही। यह पर्व काशीवासियों और श्रद्धालुओं के लिए अत्यधिक महत्व का है, और इस वर्ष देव दीपावली के अवसर पर धाम की सजावट और आयोजन ने इस महापर्व की महत्ता को और भी बढ़ा दिया।
इस अवसर पर सम्पूर्ण श्री काशी विश्वनाथ धाम को 25,000 दीपों एवं फूल मालाओं से सजाया गया, जिससे पूरे परिसर में एक दिव्य और भव्य वातावरण बन गया। प्रत्येक दीप ने न केवल धार्मिक प्रकाश का प्रतीक प्रस्तुत किया, बल्कि श्रद्धालुओं के दिलों में उल्लास और भक्तिमय ऊर्जा का संचार भी किया। दीपों के आलोक से पूरा क्षेत्र जगमगाया और यह दृश्य अत्यधिक रोमांचक था।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण ने इस अद्भुत आयोजन की शुरुआत करते हुए दीप प्रज्ज्वलन किया, जिसे श्रद्धालुओं ने श्रद्धा और उल्लास के साथ देखा। श्री विश्व भूषण ने दीप प्रज्ज्वलन के दौरान कहा कि देव दीपावली का पर्व काशी के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गौरव को और भी बढ़ाता है। उनके अनुसार, इस प्रकार के आयोजन न केवल धार्मिक विश्वास को प्रगाढ़ करते हैं, बल्कि काशी की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को भी प्रदर्शित करते हैं।
धाम में रंगोली सजाने का कार्य शिखा एण्ड टीम्स द्वारा किया गया, जिन्होंने शंकरार्चाय चौक पर विशेष और बेहतरीन रंगोली की सजावट की। रंगों और डिजाइनों का मेल श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर रहा था और पूरे क्षेत्र में एक सौंदर्यपूर्ण माहौल का निर्माण कर रहा था। रंगोली के डिज़ाइनों में काशी के धार्मिक प्रतीक, सांस्कृतिक धरोहर और देवताओं के चित्रण थे, जो इस पर्व की धार्मिक महत्ता को उजागर करते थे।
जिला प्रशासन द्वारा ललिता घाट पर आतिशबाजी और लेजर लाइट शो का आयोजन किया, जो एक अत्यधिक आकर्षक और मनोरंजक कार्यक्रम साबित हुआ। आतिशबाजी के साथ लेजर लाइट शो ने काशी के ऐतिहासिक घाटों को और भी सुंदर बना दिया। यह आयोजन न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक अविस्मरणीय दृश्य था, बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक अद्वितीय अनुभव बना।
देव दीपावली के पर्व ने श्री काशी विश्वनाथ धाम को एक नए रूप में प्रस्तुत किया, जो काशी के धार्मिक एवं सांस्कृतिक वैभव को प्रदर्शित करता है। यहां के प्रत्येक कोने में श्रद्धा और उल्लास का अद्वितीय मिलाजुला वातावरण था। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था, बल्कि काशी के सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं को संरक्षित रखने के लिहाज से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिव्य अवसर पर श्रद्धालुओं ने भगवान काशी विश्वनाथ के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित की और इस भव्य आयोजन का पूरा आनंद लिया।