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डोनाल्ड ट्रम्प बहुमत के साथ दोबारा बने अमेरिका के राष्‍ट्रपति, जीत के बाद कहा अमेरिका को महान बनाऊंगा



 07/Nov/24

अमेरिका में राष्‍ट्रपति चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प फिर से विश्‍व के सबसे मजबूत और पुराने लोकतंत्र के राष्ट्रपति चुने गए हैं। उन्हें 50 राज्यों की 538 में से 295 सीटें मिली हैं, जबकि बहुमत के लिए 270 सीटें जरूरी होती हैं। वहीं दूसरी ओर महिला प्रतिद्वंदी डेमोक्रेटिक पार्टी की कैंडिडेट कमला हैरिस कड़ी टक्कर देने के बावजूद 226 सीटें ही जीत पा सकी हैं। ट्रम्प 2016 में पहली बार राष्ट्रपति बने थे और 2020 में जो बाइडेन से हार गए थे। ताजा नतीजों के बाद ट्रम्प दूसरे विश्व युद्ध के बाद पहले राजनेता हैं, जो 4 साल के गैप के बाद दोबारा राष्ट्रपति बनेंगे। अमेरिकी इतिहास में ट्रम्प पहले लीडर हैं जिन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में दो बार महिला उम्मीदवारों को हराया है। अमेरिका में ऐसा सिर्फ दो बार 2016 और 2024 में हुआ है जब वहां महिला राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनी थीं।

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के साथ संसद के दोनों सदन सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव के भी चुनाव हुए हैं। सीनेट संसद का ऊपरी सदन है। इसकी 100 सीटों में हर राज्य के लिए 2 सीटों की हिस्सेदारी है। इसकी एक तिहाई सीटों पर हर 2 साल में चुनाव होते हैं।

इस बार सीनेट की 34 सीटों पर चुनाव हुए। ताजा नतीजों के साथ रिपब्लिकन पार्टी ने 54 सीटें हासिल कर ली हैं, जो बहुमत के बराबर हैं। इससे पहले उसके पास 49 सीटें थीं।

अमेरिका में उच्च सदन यानी सीनेट ज्यादा ताकतवर है, क्योंकि इसे महाभियोग और विदेशी समझौतों जैसे अहम मसलों को मंजूर या नामंजूर करने का अधिकार होता है। इसके सदस्य सीनेटर कहलाते हैं, जो 6 साल के लिए चुने जाते हैं, जबकि हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में मेंबर सिर्फ दो साल के लिए चुने जाते हैं।

निचले सदन में भी बहुमत के करीब पहुंच रही ट्रम्प की पार्टी रिपब्लिकन पार्टी हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में बहुमत के करीब है। इसकी 435 सीटों के लिए हर 2 साल में चुनाव होते हैं। बहुमत के लिए 218 सीटें जरूरी होती हैं। रिपब्लिकन पार्टी 204 और डेमोक्रेटिक पार्टी 189 सीटें हासिल कर चुकी है।

हालांकि, ऊपरी सदन यानी सीनेट ताकतवर है, लेकिन सरकार चलाने में दोनों सदनों की एक जैसी भूमिका है। संसद के दोनों सदनों में से किसी एक में भी बहुमत से किसी विधेयक को पारित कराया जा सकता है।

लोग सीधे राष्ट्रपति को वोट नहीं देते, इलेक्टर चुने जाते हैं अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में सीधा उम्मीदवारों को वोट नहीं किया जाता है। उनकी जगह इलेक्टर्स चुने जाते हैं, जो राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम पर चुनाव लड़ते हैं। हर राज्य में इलेक्टर्स की संख्या तय होती है।

आमतौर पर जिस राज्य में राष्ट्रपति प्रत्याशी को सबसे ज्यादा वोट मिलते हैं, तो उस राज्य की सारी सीटें उसी को मिल जाती हैं।

इसे एक उदाहरण से समझें। जैसे पेन्सिलवेनिया में 19 इलेक्टोरल वोट्स हैं। अगर रिपब्लिकन पार्टी ने 9 वोट्स और डेमोक्रेटिक पार्टी ने 8 वोट्स हासिल किए तो ज्यादा वोट्स लाने की वजह से सभी 19 इलेक्टोरल वोट्स रिपब्लिकन पार्टी के हो जाएंगे। अमेरिका के 48 राज्यों में यही चलन है।

नेब्रास्का और मेन राज्य में अलग व्यवस्था है। इन राज्यों में जो पार्टी जितने इलेक्टोरल वोट्स हासिल करते हैं, उन्हें उतनी ही सीटें मिलती हैं। जैसे कि इस चुनाव में मेन राज्य से ट्रम्प को 1 और कमला हैरिस को 1 इलेक्टोरल वोट यानी 1-1 सीट हासिल हुई है।

जीत के बाद अमेरिकी लोगों को संबोधित करते हुए ट्रम्प ने कहा कि एक बार फिर से अमेरिका को महान बनाऊंगा। भगवान ने मेरी जान इसी दिन के लिए बचाई थी। ट्रम्प पर 13 जुलाई को पेंसिलवेनिया में हमला हुआ था। इसमें एक गोली उनके कान को छूकर निकल गई थी। हमले में उनकी जान बाल-बाल बची थी।

ट्रम्प ने कहा कि हमने वो कर दिखाया जो लोगों को असंभव लग रहा था। यह अमेरिका के इतिहास की सबसे शानदार जीत है। मैं देश की सभी समस्याओं को दूर करूंगा, अमेरिकी लोगों के परिवार और उनके भविष्य के लिए लड़ूंगा। अगले 4 साल अमेरिका के लिए अहम हैं। उन्होंने इलॉन मस्क की तारीफ करते हुए कहा- इलॉन एक स्टार हैं। चुनाव प्रचार में उन्होंने रॉकेट की तरह उड़ान भरी है।

वहीं दूसरी ओर कमला हैरिस ने अपनी हार स्वीकार करते हुए कहा कि आज मेरा दिल भरा हुआ है। वॉशिंगटन डीसी में हावर्ड यूनिवर्सिटी में अपनी स्पीच में उन्होंने कहा- आज मेरा दिल आपके भरोसे से भरा हुआ है। अपने देश के प्रति प्यार और संकल्प से भरा हुआ। भारतवंशी कमला हैरिस ने कहा कि इस चुनाव का नतीजा वह नहीं है जिसकी मुझे उम्मीद थी, या जिसके लिए हमने लड़ाई लड़ी थी। हम कभी हार नहीं मानेंगे और लड़ते रहेंगे। निराश मत होइए। यह समय हाथ खड़े करने का नहीं है, यह समय अपनी स्लीव्स चढ़ाने का है। यह समय आजादी और जस्टिस के लिए एकजुट होने का है। हमें उस भविष्य के लिए एकजुट होना होगा, जिसे हम सभी मिलकर बना सकते हैं।

इस जीत के बाद भारत के PM मोदी ने भी ट्रम्प को फोन किया और जीत पर बधाई दी। सूत्रों के मुताबिक, ट्रम्प ने PM मोदी से कहा कि मैंने अपनी जीत के बाद सबसे पहले जिन वर्ल्ड लीडर्स से बात की हैं, PM मोदी उनमें से एक हैं। पूरी दुनिया मोदी से प्यार करती है। भारत एक शानदार देश है और मोदी एक शानदार इंसान हैं। मैं मोदी और भारत को अपना सच्चा दोस्त मानता हूं।


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