बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) में 12 अक्टूबर को विजय दशमी का उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। बरेका स्टेडियम (केन्द्रीय खेलकूद मैदान) में शाम 04:00 बजे से इस आयोजन की शुरुआत होगी, जहां रामचरित मानस पर आधारित एक बेहद रोचक नाट्य प्रस्तुति के बाद रावण, कुम्भकरण, और मेघनाद के विशालकाय पुतलों का दहन किया जाएगा। इस अद्भुत कार्यक्रम में आकर्षक आतिशबाजी भी होगी, जो दर्शकों का मन मोह लेगी।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
विजय दशमी समारोह के दौरान सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। 12 अक्टूबर को बरेका स्टेडियम, सिनेमा हॉल, और बास्केटबॉल ग्राउंड के आस-पास के मार्गों पर साइकिल, रिक्शा, टू-व्हीलर, और चार पहिया वाहनों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। भारतीय खाद्य निगम द्वार और सेंट जॉन्स स्कूल गेट दोपहर 12:00 बजे से रात 09:00 बजे तक बंद रहेंगे। पिकेट गेटों से भी साइकिल और टू-व्हीलर के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। साथ ही, स्टेडियम और उसके आस-पास के इलाकों में किसी भी प्रकार की गुमटियां, ठेले, या गैस सिलेंडर (गुब्बारा भरने वाले सहित) लाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
समारोह स्थल पर विशेष दिशा-निर्देश: समारोह स्थल पर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किसी भी प्रकार का हैंड बैग, पॉलीथीन पैकेट, ट्रांजिस्टर, खिलौने, महिलाओं के बैग टाइप पर्स, पानी की बोतल, टिफिन बॉक्स, या किसी भी प्रकार के ज्वलनशील पदार्थ लाने पर सख्त रोक रहेगी। सभी उपस्थित दर्शकों से इन नियमों का पालन करने की अपील की गई है।
काशी की अनोखी रामलीला और मुस्लिम परिवार का योगदान: इस रामलीला की खास बात यह है कि इसके पुतले, जिनमें रावण (75 फीट), कुम्भकरण (65 फीट), और मेघनाद (60 फीट) शामिल हैं, एक मुस्लिम परिवार द्वारा बनाए जाते हैं। यह परिवार पीढ़ियों से इस ऐतिहासिक रामलीला से जुड़ा हुआ है और अपनी कला से इस उत्सव को जीवंत बनाता है।