वाराणसी। दुनिया भर में करोड़ों भक्तों की आस्था का केंद्र माने जानेवाले श्री तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद के लड्डुओं में पशु चर्बी का तेल मिलाए जाने की बेहद गंभीर बात आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू द्वारा उजागर किए जाने के बाद विश्वभर के हिंदू समाज में भारी आक्रोश निर्माण हुआ है। प्रसाद में पशु चर्बी का तेल मिलाना केवल मिलावट नहीं, बल्कि यह हिंदुओं की धार्मिक आस्था पर जानबूझकर किया गया हमला है, हिंदुओं के साथ विश्वासघात है । जिन लोगों ने यह पाप किया है, उनके विरुद्ध धार्मिक भावनाएं आहत करने का मामला दर्ज कर उन्हें तुरंत गिरफ्तार करने की मांग का ज्ञापन हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा केंद्रीय खाद्यमंत्री प्रल्हाद जोशी तथा आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय चंद्रबाबू नायडू को यहां के जिलाधिकारी एस. राजलिंगम के माध्यम से दिया गया। इस समय ज्ञानवापी पक्षकार अधिवक्ता दीपक कुमार सिंह, अधिवक्ता अश्विनी दुबे, अधिवक्ता पंकज पाण्डेय, हिन्दू युवा वाहिनी के प्रदेश उपाध्यक्ष मनीष पांडेय, मनीष वर्मा, रवि श्रीवास्तव, विशाल मोदनवाल, संजय गुप्ता तथा हिन्दू जनजागृति समिति के राजन केशरी उपस्थित थे।
पूर्व मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी के पिता सैम्युअल राजशेखर रेड्डी के मुख्यमंत्री रहते हुए, श्री तिरुपति बालाजी मंदिर के पवित्र लड्डू बनाने का ठेका एक ईसाई संगठन को दिया गया था और मंदिर की प्रबंधन समिति में ईसाई लोगों को नियुक्त किया गया था। इसके साथ ही, मंदिर परिसर में ईसाई मिशनरियों द्वारा धर्मांतरण को प्रोत्साहित किया गया था। भारतीय संविधान ने हर व्यक्ति को धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता दी है, और इस स्वतंत्रता में बाधा डालना एक गंभीर अपराध है। हिंदुओं के धार्मिक अधिकारों की रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है। जगनमोहन रेड्डी सरकार और उनके पिता सैम्युअल राजशेखर रेड्डी के कार्यकाल में तिरुपति मंदिर से जुड़े सभी फैसलों की गहराई से जांच की जानी चाहिए। जिन भी फैसलों में हिंदू धर्म के विरुद्ध कदम उठाए गए हों, उन्हें तुरंत निरस्त किया जाना चाहिए।