जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी की पहल पर पिछले वर्ष शुरू हुआ था अभियान
छह से 19 वर्ष तक की किशोरियों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए 'एनीमिया मुक्त काशी अभियान' वरदान साबित हो रहा है। पिछले वर्ष सितम्बर माह में ही उत्तर प्रदेश की राज्यपाल माननीय श्रीमती आनंदी बेन पटेल के द्वारा अभियान का शुभारंभ किया गया था। जिलाधिकारी एस राजलिंगम के निर्देशन और मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल की निगरानी में अभियान का सफल संचालनः किया जा रहा है, जिसमें किशोरियों को एनीमिया मुक्त किया जा रहा है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि जनपद की किशोरियों को एनीमिया मुक्त करने के लिए मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल की ओर से पहल की गई थी। 'काशी एनीमिया मुक्त अभियान' एक अनोखी पहल है जो वाराणसी में सफलतापूर्वक संचालित की जा रही है, जिसका उद्देश्य किशोरियों में खून की कमी के स्तर को ठीक करना, उनमें स्वस्थ व संतुलित आहार को बढ़ावा देना, आयरन, फोलिक एसिड, कैल्शियम समेत अन्य दवाओं का सेवन करना एवं समाज में जागरूकता पैदा करना है। सीएमओ ने कहा कि आजकल किशोरियों में जंक फूड का सेवन बहुत आम हो गया है। अधिकतर किशोरियों में खून की कमी (एनीमिया) और असमय माहवारी आने की समस्या देखने को मिल रही है। इन समस्याओं को दूर करने के लिए किशोरियों को स्वस्थ व संतुलित आहार के साथ आयरन फोलिक एसिड (आईएफ़ए) समेत अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों का सेवन करना बहुत जरूरी है।
'काशी एनीमिया मुक्त अभियान' के नोडल अधिकारी व अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संजय राय ने बताया कि यह अभियान 'राष्ट्रीय किशोर-किशोरी स्वास्थ्य कार्यक्रम' के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है, जिसमें कक्षा एक से 12 तक की किशोरियों की स्क्रीनिंग की जा रही है। एनीमिक जाने पर उन्हें आवश्यक उपचार और परामर्श दिया जा रहा है। अभियान की निगरानी मुख्य विकास अधिकारी के द्वारा की जा रही है।
एक नजर आंकड़ों पर- डॉ संजय राय ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 में ब्लॉक व नगर के कुल 1444 स्कूलों को कवर किया गया, जिसमें लक्षित 1.91 लाख के सापेक्ष 1.64 लाख से अधिक किशोरियों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। जांच में 96,713 किशोरियाँ सामान्य पाई गई एवं 67,542 किशोरियों एनीमिक पाई गई। इसमें 58,752 किशोरियों का उपचार पूरा किया जा चुका है और सभी स्वस्थ हैं। 8790 किशोरियाँ उपचार पर हैं। जबकि इस वित्तीय वर्ष अप्रैल से अगस्त तक 520 स्कूलों को कवर किया गया, जिसमें 58,598 किशोरियों की स्क्रीनिंग की गई। जांच में 38,373 सामान्य पाई गई, जबकि 20,225 एनीमिक पाई गई और उनमें से करीब 10 हजार से अधिक किशोरियों को स्वस्थ किया जा चुका है। शेष उपचार पर हैं।
इन दवाओं का हो रहा सेवन - डॉ संजय राय ने बताया कि एनीमिक किशोरियों को आयरन, फोलिक एसिड, बी कॉम्प्लेक्स, एल्बेण्डाजोल, कैल्शियम सहित अन्य आवश्यक दवाएं दी जा रही हैं। वीकली आयरन फोलिक एसिड (विफ़्स) कार्यक्रम के अंतर्गत छह से 19 वर्ष तक की किशोरियों को साप्ताहिक आयरन की गोली का सेवन जा रहा है। विफ़्स कार्यक्रम में प्रदेश के लक्ष्य के सापेक्ष वाराणसी की उपलब्धि काफी बेहतर है।
आयरन व विटामिन से भरपूर आहार- हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, बीन्स, दाल, आयरन-फोर्टिफ़ाइड अनाज, सूखे मेवे, फलों और फलों के रस, हरी मटर, राजमा, मूंगफली, और समृद्ध अनाज उत्पाद, विटामिन बी 12 युक्त दूध से बने उत्पाद, फ़ोर्टिफ़ाइड अनाज, और सोया उत्पाद, विटामिन सी युक्त खट्टे फल और जूस, मिर्च, ब्रोकली, टमाटर, खरबूज़ा, और स्ट्रॉबेरी।