वाराणसी। अपर प्रधान न्यायाधीश (प्रथम) अंकिता दुबे की अदालत ने दो बच्चियों के भरण-पोषण के लिए वादी पति को प्रतिमाह 10 तारीख तक 40 हजार रुपये तथा अधिवक्ता खर्च 50 हजार देने का आदेश दिया। साथ ही अदालत ने पत्रावली वास्ते साक्ष्य वादी को 20 नवंबर 2024 को अदालत में पेश होने का भी आदेश दिया। अदालत में प्रतिवादिनी पत्नी का पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव वर्मा ने रखा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार प्रतिवादिनी पत्नी द्वारा प्रार्थना पत्र धारा 24 हि०वि०अधि० के अन्तर्गत प्रस्तुत किया था। पत्नि का आरोप है कि वादी दूसरी महिला के साथ रहता है जिससे उसको दो पुत्र हैं। विगत कई माह से वह प्रतिवादिनी को कोई खर्च नहीं दे रहा है जबकि प्रतिवादिनी को वादी से दो पुत्रियां हैं जो अभी अविवाहित हैं तथा वादी पर भरण पोषण हेतु निर्भर है। वादी का एक स्कूल चलता है, जिसकी विभिन्न स्थानों पर फ्रेंचाइजी भी है। इन स्कूलों से लगभग ₹8,00,000/- रुपए प्रति माह की आमदनी होती है। वादी को मार्केटिंग,साइबर कैफे, मोबाईल व पान आदि की दुकानों से किराए के रूप में ₹62500/- तथा एक अन्य मकान में बड़ौदा यूपी बैंक किराये पर हैं, जिससे किराया ₹60,000/- प्रति माह प्राप्त होता है। इसके अतिरिक्त वादी द्वारा बिना लाइसेंस के गहना आदि गिरवी रखकर 10 से 15 प्रतिशत ब्याज पर ऋण दिया जाता है, जिससे उसे ₹2,00,000/- प्रति माह आमदनी होती है। वादी कैफे व रेस्टोरेंट चलाता हैं, जिससे उसे लगभग 125000/- की प्रति माह आमदनी होती है। वह वोंटर स्पोर्ट्स का भी व्यवसाय करता है। जिससे उसे लगभग ₹1,00,000/- प्रतिमाह आमदनी होती है। वह मोटर्स का भी व्यवसाय करता है, जिससे उसे लगभग 20,000/- प्रति माह की आमदनी होती है। इस प्रकार वादी को लगभग 1,23,37,500/- (एक करोड़ तेईस लाख सैतीस हजार पाँच सी रूपये) की आय प्रतिमाह प्राप्त होती है। अत: ₹2,00,000/- (दो लाख रूपये) प्रति माह भरण पोषण हेतु दिलाए जाने की याचना की गई है। प्रार्थनापत्र के समर्थन में शपथपत्र दाखिल किया है।