रामनगर आद्योगिक एसोशिएशन के अध्यक्ष ने सर सुन्दरलाल हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक व उप-चिकित्सा अधीक्षक के द्वारा हॉस्पिटल की व्यवस्था को बर्बाद करने के संबंध में प्रधानमंत्री को आज एक पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि........
वाराणसी स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सरसुन्दरलाल हॉस्पिटल को वहाँ के चिकित्सा अधीक्षक कैलाश कुमार गुप्ता और उप चिकित्सा अधीक्षक अंकुर सिंह से मुक्त करवा दिया जाय, क्योकि ये दोनों अधिकारी किसी की नही सुनते, समय पर किसी का फ़ोन नही उठाते, इन दोनों अधिकारियों ने पूरे हॉस्पिटल की व्यवस्था को तहस-नहस कर दिया है। सभी उनसे दुखी है, क्योंकि पूरे हॉस्पिटल परिसर में सही व्यवस्था नही होने के कारण मरीजो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आई.सी. यू जैसे महत्वपूर्ण जगह में सफाई हेतु मात्र दो कर्मचारियों को रखना व आई.सी. यू में 17 बेड के मरीज को देखने के लिये मात्र 2 या 3 नर्सिंग स्टाफ को रखना जैसे तमाम अराजक कार्य हो रहे है, इन दोनों की निष्पक्ष जाँच कराने पर ऐसी तस्वीर सामने आयेगी जो सोच के परे होगा।
अभी दिनांक 16.09.24 को भी एक नर्सिंग स्टाफ की मृत्यु इन्ही दोनों अधिकारियों के अव्यवस्था के कारण हुआ, और इनकी हठधर्मिता के चलते फिर से एक हड़ताल हो गया है, जिससे समस्त मरीज परेशान है, केन्द्र सरकार द्वारा इतना धनराशि सरसुन्दरलाल हॉस्पिटल में दिया जा रहा है पर मरीजो को इसका लाभ नही मिल पा रहा।
यह हॉस्पिटल महामना मदन मोहन मालवीय जी ने जिस सोच के साथ बनवाया था, वो आज खत्म हो गया है। निश्चित ही उनकी आत्मा भी आज दुःखी होगी, इन दोनों अधिकारियों के अमानवीय कृत्यों से पूर्वांचल, बिहार और आस- पास के मरीजो का बहुत बुरा हाल है, इससे सरकार की छवि धूमिल हो रही है, जबकि सरकार द्वारा कोई कमी नही की जा रही।
अतः चिकित्सा अधीक्षक के. के. गुप्ता और उप चिकित्सा अधीक्षक अंकुर सिंह के खिलाफ एक निष्पक्ष जाँच करवा कर दंडात्मक कार्यवाही की जाये।