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सूचना अधिकार कानून का उद्देश्य सकारात्मक सोच के साथ सूचना प्रदान करना है : पदुम नारायण द्विवेदी, राज्‍य सूचना आयुक्त



 14/Sep/24

वाराणसी। राज्य सूचना आयुक्त पदुम नारायण द्विवेदी द्वारा आज सर्किट हाउस में जनपद में सूचना के अधिकार अधिनियम-2005 के तहत आयोग में लंबित वादों के शीघ्र निस्तारण के संबंध में संस्थागत वित्त, कर एवम् निबंधन विभाग एवं होमगार्ड विभाग के जन सूचना अधिकारियों/प्रथम अपीलीय अधिकारियों के साथ आवश्यक समीक्षा बैठक की गई। बैठक में उन्‍होंने कहा कि जागरूकता के अभाव में बहुत से वादों का निस्तारण नहीं हो पाता है, जिससे लोगों के मन में संदेह पैदा होता है, जिसे दूर करने की जरूरत है। इसीलिए बिना वजह वादों को लंबित न रखें और वादों का तय समय में निस्तारण कराना सुनिश्चित करें। आयुक्त द्वारा सूचना अधिकार अधिनियम के बारे में गहनता पूर्वक नियमो की जानकारी दी तथा इस क्रम में सूचना अधिकार के विधिक पहलुओं से अधिकारीगणों को अवगत कराया। उन्होंने विभिन्न विभागों से आए जन सूचना अधिकारियों को अपील और शिकायत के अंतर को समझाया। उन्होंने अधिकारियों को रुचि लेकर और आपस में सामंजस्य बनाकर प्राथमिक स्तर पर ही वादों का निस्तारण सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।

 राज्य सूचना आयुक्त ने कहा कि सूचना देने में अनावश्यक विलंब नहीं करनी चाहिए व निर्धारित तय अवधि 30 दिनों के अंदर सूचना प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जन सूचना जनता का अधिकार है और आपका दायित्व है की समय से सूचना उपलब्ध कराएं।उन्होंने धारा-03 व धारा-06 के संबंध में सभी अधिकारियों से पूछ ताछ करने के साथ ही कहा की सभी जन सूचना अधिकारियों /प्रथम अपीलीय अधिकारियों के टेबल पर नेम प्लेट लगना चाहिए। उन्होंने कहा की हम सभी जनता की सेवा करने के लिए बैठे हैं तो फिर उसका पालन भी होना चाहिए। उन्होंने कहा की जब कोई गरीब असहाय व्यक्ति आयोग में पहुंचता है और जनपद स्तर पर उसकी सुनवाई नही होती है तो निश्चित रूप से तकलीफ होती है, ये बहुत ही गंभीर विषय है, इस लिए अधिकारी गण ध्यान दें, जो सूचनाएं नहीं दी जा सकती उन सूचनाओं को इनकार करने की भी सूचना दें, उसके बारे में स्पष्ट उल्लेख करे। अगर सूचना किसी अन्य विभाग से संबंधित है तो स्पष्ट रूप से उसका अंतरण अन्य विभाग को करे और लिखे की यह मेरे विभाग से संबंधित नहीं है। अपने पास आर.टी.आई कभी भी लंबित न रखें।उसका जवाब 30 दिनों के भीतर अवश्य दें। सूचना अगर विस्तृत हो या अवलोकन करना हो तो उसके बारे में भी समय निर्धारित की जाय।

सूचना आयुक्त ने कहा कि वादी द्वारा मांगी गई सूचना देने में वही भाव रखें जो यदि खुद के द्वारा इस अधिनियम के तहत मांगी गई सूचना की प्राप्ति की अपेक्षा में रहता। उन्होंने कहा कि वादी के स्थान पर  स्वयं रहकर हमेशा सोचना चाहिए और सूचनाओं का उतर अविलंब दे देना चाहिए। उन्होनें कहा अधिकारियों को सूचना के अधिकार अधिनियम की मूलभूत जानकारी रखनी चाहिए। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई सूचनाओं के संदर्भ में लोकहित को प्राथमिकता दी जानी चाहिए तथा सूचनाओं को प्रदान करने में अनावश्यक विलंब नहीं किया जाना चाहिए। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई सूचना के संदर्भ में पूरी जानकारी अर्थात सूचना कब प्राप्त हुई, सूचना का विषय, सूचना की स्थिति आदि के संदर्भ में पूरी जानकारी एक पंजिका में रखी जानी चाहिए। इस अवसर पर संबंधित विभाग के जनसूचना अधिकारी उपस्थित रहे।


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