कृषकों को उचित मूल्य पर उर्वरक उपलब्ध कराने, कालाबाजारी रोकने तथा उर्वरक गुणवत्ता बनाये रखने, बिक्री केन्द्र पर उपलब्ध स्टाक एवं पी०ओ०एस० मशीन में प्रदर्शित स्टाक का सत्यापन करने के निमित्त जनपद-व्यापी चेकिंग अभियान के तहत् उर्वरक निरीक्षक एवं अन्य विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाकर जनपद के साधन सहकारी समितियों, पी०सी०एफ० विक्रय केन्द्रों, इफको सेवा केन्द्र, आई०एफ0०एफ०डी०सी०, औद्यानिक समिति एवं निजी उर्वरक विक्रेताओं के बिक्री केन्द्रों/गोदामों पर आज छापे की कार्यवाही की गयी। टीम का गठन जिलाधिकारी के आदेश के क्रम में अधोहस्ताक्षरी द्वारा किया गया। टीम-1 में जिला कृषि अधिकारी संगम सिंह, जिला उद्यान अधिकारी सुभाष कुमार जिनको तहसील-सदर टीम-2 में जिला कृषि रक्षा अधिकारी बृजेश कुमार विश्वकर्मा एवं जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी आर0०पी सिंह जिनको तहसील-राजातालाब टीम-3 में उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी-सदर श्रीमती निरूपमा सिंह, परियोजना अधिकारी-नेडा प्रेम प्रकाश सिंह एवम् वरिष्ठ प्राविधिक सहायक ग्रुप-1 रोहित कुमार सिंह, जिनको तहसील-पिण्डरा आवंटित किया गया। छापे के दौरान नामित उर्वरक निरीक्षकों के द्वारा कुल 47 बिक्री केन्द्रों की जांच करते हुए गुणवत्ता परीक्षण हेतु 15 उर्वरक के नमूने ग्रहीत किये गये। निरीक्षण के समय मेसर्स जिला औद्यानिक सहकारी विपणन संघ-रामेश्वर के प्रतिष्ठान पर पी०ओ०एस० मशीन तथा स्टाक रजिस्टर मे अंतर पाये जाने, मेसर्स शुभ ट्रेडर्स-मंगारी, मेसर्स सौरभ फर्टिलाइजर-मंगारी एवम् मेसर्स उज्जवल ट्रेडर्स-मंगारी बगैर सूचना के बन्द पाये जाने पर संबंधित का निबंधन प्रमाण पत्र निलम्बित किया गया तथा मेसर्स साधन सहकारी समिति-जाल्हुपुर, मेसर्स गुप्ता एण्ड कम्पनी-जाल्हुपुर, मेसर्स विशाल ट्रेडर्स-टेकरिया, मेसर्स सर्वोत्तम खाद भण्डार-असवारी, मेसर्स मौर्या बीज भण्डार-चित्तापुर, मेसर्स मां वैष्णो खाद भण्डार-भोपापुर, मेसर्स कृषि विकास एजेन्सी-भोपापुर का अभिलेख अपूर्ण होने तथा रेटबोर्ड अद्यतन न होने के फलस्वरूप कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। अबैध रूप से व्यापार तथा उर्वरकों की कालाबाजारी करने वाले बिक्रेताओं के विरूद्ध यह अभियान निरंतर चलता रहेगा। जनपद के सभी निजी एवम् संस्थागत उर्वरक बिक्रेताओं को निर्देशित किया जाता है कि मृदा एवम् पर्यावरण का स्वास्थ्य बनाये रखने हेतु कृषकों को उनकी जोत/फसल के अनुसार पीओएस मशीन के माध्यम से ही उर्वरक उपलब्ध करायें। साथ ही किसान भाइयों से अपील है कि रासायनिक उर्वरक मुख्य रूप से यूरिया एवं डी०ए0०पी० की खपत को कम करने तथा खेती की लागत को कम करने हेतु अपने फसल में वैकल्पिक उर्वरक के रूप में नैनो यूरिया, नैनो डी०ए०पी० का प्रयोग करें, इससे मृदा एवम् पर्यावरण का स्वास्थ्य बना रहेगा तथा आप सभी के आय में बृद्धि होगी।