वाराणसी। जनपद में पूर्ण रूप से महिला मत्स्य पालकों के लिए समर्पित राज्य सरकार की नवीन योजना सघन मत्स्य पालन हेतु एयरेशन सिस्टम की स्थापना प्रारम्भ की गयी है। उक्त योजनान्तर्गत तालाबों में सघन मत्स्य पालन करते हुए अधिकाधिक मत्स्य उत्पादन प्राप्त करने हेतु जल की गुणवत्ता, रोग और रोगजनकों, जलीय, वनस्पतियों तालाब में घुलित ऑक्सिजन के स्तर का प्रबन्ध करने, जल कृषि में सभी एरोबिक जलीय जीवों को जीवित रहने एवं तालाबों में निर्धारित मानक के अनुसार घुलित ऑक्सिजन का स्तर बनाए रखने की आवश्यकता के दृष्टिगत एयरेशन सिस्टम की स्थापना योजना प्रारम्भ की गयी है। मुख्य कार्यकारी अधिकारी, मत्स्य पालक विकास अभिकरण राजेंद्र कुमार ने बताया कि योजनान्तर्गत मत्स्य बीज हैचरी संचालित करने वाले हैचरी स्वामी, निजी क्षेत्र एवं पट्टे पर आवंटित तालाब की महिला मत्स्य पालक जिनके तालाब की पट्टा अवधि कम से कम 05 वर्ष अवशेष हो पात्र होगें परियोजना अन्तर्गत 0.50 हे0 के तालाब में 2 हार्सपावर के एक क्वाड पैडिल व्हील एरियेटर एवं 1.00 हे0 या उससे बड़े तालाब हेतु अधिकतम 2 एरियेटर पर महिला मत्स्य पालक जिनके तालाब की वर्तमान मत्स्य उत्पादकता कम से कम 4 से 5 टन प्रति हेक्टेयर है की उत्पादकता में वृद्धि हेतु अनुदान दिया जाएगा। योजना पूर्णतः महिला मत्स्य पालकों के लिए संचालित की गयी है।एयरेशन सिस्टम की स्थापना के लिए इच्छुक महिला आवेदकों द्वारा विभागीय पोर्टल http://fisheries.up.gov.in पर 19 अगस्त तक आनलाईन आवेदन किया जा सकता है। योजना की इकाई लागत रु0 0.75 लाख प्रतियूनिट है। सामान्य/अन्य पिछड़ा वर्ग की महिलाओं हेतु 50 फीसदी एवं अनुसूचित जाति की महिलाओं को 60 फीसदी अनुदान दिया जाएगा। योजना के सम्बन्ध में किसी भी प्रकार की जानकारी कार्यालय मत्स्य पालक विकास अभिकरण कार्यालय में किसी भी कार्य दिवस में सम्पर्क कर प्राप्त की जा सकती है।