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सम्पूर्ण राष्ट्र सहित काशी में गौप्रतिष्ठा पर्व के रूप में मनाया गया शंकराचार्य जी का अवतरण दिवस



 06/Aug/24

शंकराचार्य जी द्वारा धर्मरक्षार्थ लिए गए समस्त संकल्पों की पूर्ति हेतु रुद्राभिषेक का हुआ आयोजन

श्रावण शुक्ल द्वितीया तदनुसार आज 6 अगस्त को परमाराध्य परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती 1008 जी महाराज का 55वां अवतरण दिवस धूमधाम से गौप्रतिष्ठा पर्व के रूप में काशी स्थित श्रीविद्यामठ में मनाया गया।दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम,उत्तराखंड के ज्योतिर्मठ सहित पूरे राष्ट्र व विदेशों में भी सनातनधर्मियों द्वारा हर्षोल्लास के साथ पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज का अवतरण दिवस मनाया जा रहा है।पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज स्वयं दिल्ली के तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में मौजूद रहे।सर्वविदित का की पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज का 22वां चातुर्मास्य व्रत अनुष्ठान दिल्ली में 22 जुलाई से 18 सितंबर तक चलेगा। सुबह से ही पूरे देश के प्रमुख सन्तों,महंतों,पीठाधीश्वरोंराजनीतिज्ञों सहित विभिन्न क्षेत्र के विशेषज्ञों व भक्तों ने अपना मंगलकामना सन्देश भेजना शुरू कर दिया था।शोशल मीडिया का हर प्लेटफार्म शंकराचार्य जी महाराज के अवतरण दिवस व बधाई के संदेशों से भरा पड़ा था।

 

काशी स्थित श्रीविद्यामठ में सर्वप्रथम भारी संख्या में उपस्थित भक्तों के मध्य वैदिक आचार्य पं शिवकांत मिश्रा,अंकित शर्मा,अरुण ओझा,अनिरुद्ध मिश्रा,देवेश स्वामी के आचार्यत्व में गणेश पूजन हुआ।जिसके अनन्तर शंकराचार्य जी महाराज के दीर्घायु जीवन व धर्म रक्षार्थ लिए गए उनके समस्त संकल्पों के पूर्ण होने की मंगलकामना को लेकिन सविधि रुद्राभिषेक सम्पन्न किया गया।साथ ही परमधर्माधीश शंकराराचार्य जी महाराज के चरण पादुका का पूजन ब्रम्ह्चारी प्रधान पुरुषेश्वरानंद ने वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य किया।कार्यक्रम स्थल पर आयोजित धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी सजंय पाण्डेय ने कहा कि राम जन्मभूमि व राममंदिर का फैसला हिंदुओं के पक्ष में करवाने वाले,गंगा जी को राष्ट्रीय नदी घोषित कराने वाले,रामसेतु को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले,वर्तमान समय मे गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित कराने व गोकशी बन्द कराने हेतु ऐतिहासिक राष्ट्रव्यापी आंदोलन चलाने वाले,साथ ही सनातनधर्म के मूल्यों के स्थापना हेतु कठिन तप के माध्यम से अनेकों बार मुखर व निर्णायक भूमिका का निर्वहन करने वाले परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य जी महाराज के आज 55वें अवतरण दिवस में सम्मलित होने का अवसर हमलोगों को अनेकों जन्म के उदित हुए फल के परिणाम स्वरूप प्राप्त हुआ है।

 

धर्मसभा की अध्यक्षता करते हुए भट्ट ब्राम्हण सभा के अध्यक्ष पं बसंत राय भट्ट ने कहा कि पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज के तप व अथक प्रयास से आज सनातनधर्म का चहुं ओर जय जयकार होने लगा है।धर्महेतु लड़ने वाले ऐसे शंकराचार्य को पाकर हर सनातनधर्मी खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है।

 

धर्मसभा का संचालन पं सदानंद तिवारी ने और आगंतुक भक्तों को श्रीविद्यामठ के प्रबंधक दीपेंद्र सिंह ने आभार ज्ञापित किया।

मातृशक्ति ने किया भजन कीर्तन व गाया सोहर

श्रीविद्यमठ में सुबह से प्रदेश भर से आये भक्तों का तांता लगा हुआ था।आने वाले वाले भक्त पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज के तस्वीर का व चरण पादुका का पूजन कर।भोजन प्रसाद प्राप्त कर रहे थे।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सर्वश्री:-श्याम नारायण दास,अनिल तिवारी,रमेश पाण्डेय,दिनेश मिश्रा,श्रीराम चौबे,प्रभाकर सिंह,अर्चना राय,ममता मिश्रा,चांदनी चौबे,विजया तिवारी,नीलम दुबे,लीलावती तिवारी,माला मिश्रा,सुनीता जायसवाल,दुर्गेश नंदनी पाण्डेय,कीर्ति रघुवंशी,रिंकी सिंह,शशांक मिश्रा,मयंक मिश्रा,श्लोक दुबे,अन्नू उपाध्याय सहित भारी संख्या में संत व भक्त उपस्थित थे।

 


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