प्रधानमंत्री मोदी के स्मार्ट सिटी बनारस के बुद्ध विहार कॉलोनी में अवैध रूप से बनाए गए आलीशान होटल बनारस कोठी और होटल रिवर पैलेस में 27 जुलाई शनिवार को VDA का गरजा बुलडोजर।
ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान लप्रधानमंत्रीगभग 50 से ज्यादा पुलिसकर्मी और अधिकारियों की टीम मौजूद रही। इस दौरान होटल मालिक और प्रशासन के बीच तीखी बहस भी हुई लेकिन अंततः होटल की छत से तोड़फोड़ की शुरुआत हो हुई।
बता दें कि विगत कई सप्ताह से मिडिया में बनारस कोठी और रिवर पैलेस होटल गिराने खबर सुर्खियों में थी, लेकिन शनिवार को वीडीए के अफसरों की टीम जब पूरी तैयारी के साथ बुद्ध विहार काॅलोनी पहुंची तो वहां होटल मालिक और उनका परिवार मौजूद था जिन्हें पुलिस ने खाली कराया और सभी को तोड़फोड़ वाले क्षेत्र से दूर किया गया। इसके पश्चात हथौड़े से तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू हुई और बाद में बुलडोजर से ध्वस्त करने का अभियान शुरू किया गया।
बताते चलें कि दोनों होटल पांच मंजिला थे, जिनमें कुल 90 कमरे हैं। कार्रवाई को अंजाम देने के लिए VDA की ओर से 4 बुलडोजर और लगभग 150 मजदूर लगाए गए थे। दोपहर 2 शुरू हुई ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से रात 9 बजे तक जारी रही। रविवार को भी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई जारी रहेगी।
इस दौरान होटल के कमरों में महंगे फर्नीचर, टीवी और मेज कुर्सियों के बीच VDA का हथौड़ा चलता रहा। इस बीच होटल संचालक के परिवार और अधिकारियों में कहासुनी हुई। बातचीत के दौरान होटल मालिक मोहम्मद फारूक खां बेहोश भी हो गाए जिन्हें होटल स्टाफ और परिवार वालों ने संभाला। होटल मालिक के परिजन रोते हुए अफसरों से कार्रवाई रोकने की गुहार लगाते रहे, लेकिन उनकी एक भी नहीं सुनी गई।
घंटे चली कार्रवाई में होटल के अंदर कमरे, बाथरूम, शौचालय, सीढ़ी आदि को ध्वस्त किया गया है। कुछ पिलर को भी तोड़ा गया। वीडीए उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग के अनुसार 2015 में दोनों होटल सील किए थे। इसके बाद भी होटल का संचालन करने पर एफआईआर कराई गई। इस बीच दूसरे होटलों के नाम पर बुकिंग कर इन दोनों होटलों में पर्यटकों को ठहराया जाता रहा।
होटल के मालिक मोहम्मद फारूक खां ने कहा कि एक होटल का नक्शा 1999 और दूसरे होटल का 2012 में पास है। होटल चलाने का लाइसेंस भी है। 2014 में इस क्षेत्र को ग्रीन बेल्ट घोषित किया गया। उस समय के जोनल अधिकारी की काॅपी मेरे पास है। व्यवसायिक नक्शा पास करने का आवेदन किया था।
होटल के अवैध निर्माण का क्या है पूरा मामला
वीडीए के उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग के अनुसार मोहम्मद फारूक खां ने बुद्ध विहार काॅलोनी में दो होटल का निर्माण कराया। स्वीकृत क्षेत्रफल से अधिक क्षेत्रफल पर निर्माण करने, सेट बैक कवर करने, वरुणा किनारे महायोजना-2031 में नियत ग्रीन बेल्ट में निर्माण करने, बहुमंजिला निर्माण बेसमेंट, ग्राउंड और 5 तल का अशमनीय निर्माण होने के कारण ध्वस्तीकरण आदेश पारित है।
सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद होटलों को ध्वस्त कराया जा रहा है। दोनों होटल की जमीन के मामले में शासन ने अन्नपूर्णा भवन निर्माण सहकारी समिति लिमिटेड के आठ भूखंड का भू उपयोग आवासीय से व्यवसायिक करने के संबंध में प्रत्यावेदन 2019 में निरस्त किया जा चुका है।
बनारस कोठी होटल 142.88 वर्ग मीटर पर आवासीय जी प्लस टू का नक्शा 2012 में पास कराया था। स्वीकृत मानचित्र के विपरीत निर्माण कराया। इस पर वीडीए ने नोटिस जारी कर सुनवाई का अवसर दिया। बावजूद इसके निर्माण कराने पर 2015 में होटल सील किया गया था।
निर्माणकर्ता दो और प्लाॅट को मिलाकर मानचित्र से अधिक सेटबैक कवर कर लिया। 2016 में इसके ध्वस्तीकरण का आदेश पारित हुआ था। अवैध निर्माणकर्ता के खिलाफ कैंट थाने में 21 जुलाई को FIR कराई गई।
इसके पूर्व निर्माणकर्ता के ऊपर पेट्रोल छिड़ककर आगजनी कर सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने एवं कानून एवं शांति व्यवस्था के उल्लंघन करने पर 2018 में FIT कराई गई थी। होटल का पंजीकरण निरस्त करने के लिए एडीएम प्रोटोकाल को पत्र दिया गया।
निर्माणकर्ता को अवैध निर्मित होटल में कोई अन्य बुकिंग न करने एवं अविलम्ब अनधिकृत निर्मित परिसर को खाली करने का नोटिस 24 जुलाई को चस्पा किया गया। बावजूद इसके होटल संचालक की ओर से होटल में ठहरे पर्यटकों को उकसा कर व उन्हें आगे करके प्रवर्तन की कार्रवाई का विरोध किया गया।
इसी प्रकार होटल रिवर पैलेस का निर्माण 1999 में कराया गया। इसमें 209 वर्गमीटर पर ग्राउंड प्लस दो तल का आवासीय नक्शा पास कराया गया। इस संबंध में अवैध निर्माण के लिए नोटिस दिया गया था। 2005 में वीडीए ने सील किया था। 2016 में ध्वस्तीकरण आदेश पारित है। निर्माणकर्ता ने 855.34 वर्ग मीटर पर दाखिल शमन मानचित्र वीडीए ने 2019 में अस्वीकृत कर दिया।