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ताजिया जुलूस को लेकर शिया - सुन्नी झगड़े में आरोपियों को मिली 26 साल बाद सजा



 25/Jul/24

वाराणसी। विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) दीनानाथ की अदालत ने 26 साल पुराने भेलूपुर थाने के बजरडीहा मुहल्ले में एक सम्प्रदाय से जानलेवा हमले के मामले में एक पक्ष के नौ और दूसरे पक्ष के 11 अभियुक्तों को दोषी पाया और 5 वर्ष की सजा के साथ 25 -25 हजार का जुर्माना लगाया। घटना 15 मई वर्ष 1998 सुबह की है, शिया सम्प्रदाय से जुड़े कुछ लोगो का सुन्नी सम्प्रदाय के लोगो से ताजिया ले जाने को लेकर रंजिश थी इसी को लेकर घातक हथियारों लाठी डंडे से लैस होकर मारपीट कर गंभीर चोट पहुंचाई, जबकि इसी मामले से जुड़े क्रास केस में कहा गया की इमामबाड़ा के कमरे का ताला तोड़कर कब्जा करने को लेकर हुए विवाद में दर्ज कराये गए मुकदमे में 11 अभियुक्तों को दोषी पाया और 5 वर्ष की सजा और प्रत्येक को 25 हजार रुपये के जुर्माना की सजा सुनाई गई। दोनों पक्ष में एक की ओर से  एडीजीसी रोहित मौर्य और दूसरे पक्ष से विद्याशंकर त्रिपाठी ने सजा दिलाने में पक्ष रखा। अदालत में कई अभियुक्तों का कहना था कि वह 60 वर्ष से ऊपर के बुजुर्ग है ऐसे सजा में नरमी बरती जाने का अनुरोध किया।


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