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केंद्र समन्वयकों के सहयोग से पहुंचेगी छात्र संख्या एक लाख : कुलपति प्रो. सत्यकाम



 20/Jul/24

टेक्नोलॉजी का उपयोग कर आगे बढ़ रहा है मुक्त विश्वविद्यालय

वाराणसी। अध्ययन केन्द्र समन्वयक विश्वविद्यालय की रीढ़ हैं। केंद्र समन्वयकों के सहयोग से हम विश्वविद्यालय की छात्र संख्या को शीघ्र एक लाख तक पहुंचा सकते हैं। दूरस्थ शिक्षा विविधता से परिपूर्ण है। यहां किन्नर, जेल बन्दी, ग्रामीण, नौकरी पेशा लोगों के लिए कई तरह की सुविधा उपलब्ध है। विश्वविद्यालय कौशल विकास पर आधारित कई शैक्षिक कार्यक्रमों की शिक्षा युवाओं का प्रदान कर रहा है। उक्त उद्गार उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के वाराणसी क्षेत्रीय केन्द्र से सम्बद्ध अध्ययन केन्द्रों के प्राचार्य एवं समन्वयकों की शुक्रवार को संत अतुलानंद कान्वेंट स्कूल में आयोजित कार्यशाला में मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने व्यक्त किये।

प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें ज्ञानात्मक अध्ययन के साथ ही कौशल का भी अध्ययन कर सकते हैं। मुक्त विश्वविद्यालय कौशल युक्त गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए संकल्पबद्ध है। हमारे विद्यार्थियों के पास कौशल युक्त शिक्षा होगी तो वह नौकरी के लिए दर-दर नहीं भटकेंगे। उन्होंने लोकल फार वोकल पर जोर देते हुए कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय कौशल युक्त शिक्षा प्रदान कर विद्यार्थियों को सशक्त कर रहे हैं।
इस अवसर पर नामांकन अभिप्रेरण एवं प्रतिपुष्टि विषयक कार्यशाला  में विचार व्यक्त करते हुए विश्वविद्यालय के प्रवेश प्रभारी प्रोफेसर जय प्रकाश यादव ने दूरस्थ शिक्षा के महत्व को प्रतिपादित किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय एन ई पी 2020 के अंतर्गत सभी शैक्षिक कार्यक्रम संचालित कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस बार समर्थ पोर्टल के माध्यम से प्रथम वर्ष का प्रवेश सुनिश्चित किया गया है।
कार्यशाला में परीक्षा नियंत्रक श्री डी पी सिंह ने कहा कि अध्ययन केन्द्रों पर भेजे जाने वाले अंक पत्रों को छात्रों को यथासमय वितरण किया जाए। उन्होंने कहा कि परीक्षा केन्द्रों पर  विश्वविद्यालय द्वारा प्रदत्त सुविधाओं का लाभ शिक्षार्थियों को अवश्य मिलना चाहिए।
प्रारम्भ में अतिथियों का स्वागत  संत अतुलानंद हिंदू महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एस के शुक्ला ने किया।वाराणसी क्षेत्रीय केन्द्र के समन्वयक डॉ. सन्तोष कुमार सिंह ने क्षेत्रीय केंद्र की गतिविधियों के साथ ही कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत की। संत अतुलानंद कान्वेंट स्कूल के प्रबंधक राहुल सिंह ने कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम एवं विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ. प्रभात चन्द्र मिश्र ने बताया कि कार्यशाला में वाराणसी क्षेत्रीय कार्यालय के अंतर्गत आने वाले जिलों वाराणसी,गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर,भदोही,चंदौली एवं सोनभद्र स्थित अध्ययन केन्द्रों के समन्वयकों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर डॉ. शिवकुमार, डॉ. के एस पाठक, डॉ. अनूप कुमार सिंह, डॉ. अलका सिंह, रामकेश  आदि ने प्रवेश में लचीलेपन एवं परीक्षा परिणाम के पश्चात अंक पत्र वितरण के संबंध में  कई सुझाव दिए। कार्यशाला का संचालन डॉ. गरिमा सिंह  तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. एस के सिंह ने किया। इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने परिसर में वृक्षारोपण किया। 
कार्यशाला के उपरांत आयोजित पत्रकार वार्ता में उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय ने सत्र 2024- 25 की प्रवेश प्रक्रिया समर्थ पोर्टल के माध्यम से प्रारंभ की है। मुक्त विश्वविद्यालय आज टेक्नोलॉजी का उपयोग कर काफी आगे बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश में भी छात्रों को टेक्नोलॉजी का भरपूर  उपयोग करने के लिए नवीनतम सुविधा प्रदान की जाएंगी। 

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने शुक्रवार को वाराणसी में क्षेत्रीय केन्द्र से सम्बद्ध अध्ययन केन्द्रों के प्राचार्य एवं समन्वयकों की कार्यशाला के उपरांत पत्रकार वार्ता में यह जानकारी देते हुए बताया कि समर्थ पोर्टल पर प्रवेश प्रारंभ  करने से जहां प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी वहीं एक समान समय पर प्रवेश, परीक्षा तथा परीक्षा परिणाम प्राप्त होंगे। मुक्त शिक्षा के क्षेत्र में लंबा अनुभव रखने वाले प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि हमें एक ऐसा मानक विश्वविद्यालय बनाना है जो सभी मुक्त विश्वविद्यालयों के लिए मानदंड बन सके। उसके लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि हमें अपने विद्यार्थियों की सेवा में उपस्थित रहना है और विद्यार्थियों के अंदर संतुष्टि का भाव विकसित करना है। प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि आज मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा विश्व में काफी लोकप्रियता हासिल कर रही है। भारत सरकार ने भी इसके महत्व को पहचाना है और मुक्त विश्वविद्यालय के सभी शैक्षणिक कार्यक्रमों को पारंपरिक विश्वविद्यालय के समान मान्यता प्रदान की है। हमें इसका लाभ समाज के उन लोगों तक पहुंचाना है जो नियमित अध्ययन नहीं कर पाए हैं। मुक्त विश्वविद्यालय से दो डिग्री कोर्स एक साथ करने की सुविधा प्रदान की गई है। इस सुविधा का लाभ उठाकर शिक्षार्थी अपने मनपसंद कार्यक्रम का चयन कर सकते हैं। कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि विश्वविद्यालय अधिक से अधिक स्वयं प्रभा चैनल के लिए शिक्षकों से कार्यक्रम तैयार करवा रहा है। इस संबंध में प्रस्ताव भी मांगे गए हैं इस कार्य में जो भी चुनौतियां सामने आ रही हैं उसके समाधान के लिए प्रशिक्षण शिविर एवं कार्यशाला का आयोजन शीघ्र किया जाएगा। प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि विश्वविद्यालय ने यह निर्णय लिया गया है कि अपने सभी शिक्षार्थियों को नवीन प्रवेश सत्र से केवल स्व अध्ययन सामग्री ही प्रदान की जाएगी। इसके लिए हमें अपनी पाठ्य सामग्री की गुणवत्ता एवं शिक्षार्थियों तक उसकी पहुंच बढ़ाते हुए उनके अंदर संतुष्ट का भाव विकसित करना है। 
प्रोफेसर सत्यकाम ने बताया कि विश्वविद्यालय में सभी प्रकार के लेनदेन ऑनलाइन माध्यम से किए जाएंगे। नगद धनराशि को शुल्क या अन्य कोई सेवा प्रभार के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

एक प्रश्न के जवाब में कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने बताया कि आध्यात्मिक नगरी वाराणसी में विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय केंद्र के लिए भूमि क्रय कर ली गई है। यहां  पर भवन का निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ कराया जाएगा।  यह केंद्र शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी केंद्र साबित होगा। विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय केंद्र अभी प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर तथा बरेली में निजी भवन से संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वाराणसी में निजी भवन बनने से दूरस्थ शिक्षा का प्रचार प्रसार तेजी से आगे बढ़ेगा। प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि सूचना, संचार एवं तकनीक के माध्यम से उच्च शिक्षा में गुणवत्ता का विकास संभव है। संचार के आधुनिक माध्यम से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक सुधार हुआ है।
कुलपति ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में मातृभाषा पर विशेष बल दिया गया है। राजर्षि टंडन के नाम पर स्थापित इस मुक्त विश्वविद्यालय में अधिकांश पाठ्य सामग्री हिंदी माध्यम में उपलब्ध है । शोध के क्षेत्र में भी विश्वविद्यालय अच्छा कार्य कर रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अनुदानित शोध परियोजनाएं विश्वविद्यालय के  योग्य शिक्षकों द्वारा सफलतापूर्वक संचालित की जा रही हैं। प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि विश्वविद्यालय  स्नातक एवं परास्नातक  कार्यक्रमों के प्रथम वर्ष में एक लाख प्रवेश के लक्ष्य को लेकर पूरे उत्तर प्रदेश में नामांकन अभिप्रेरण एवं फीडबैक कार्यशाला आयोजित करा रहा है। जिसका आगाज आज वाराणसी से किया गया है। अगली कड़ी में आजमगढ़, गोरखपुर तथा अयोध्या क्षेत्रीय केंद्र पर कार्यशाला प्रस्तावित है।
 


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