नंदीश्वर पूजा का महत्व हमारे वेदों और शास्त्रों में बहुत ही विशेष बताया गया है। हम जो भी प्रार्थना भगवान से करते है वो नंदीश्वर जी ही भगवान तक पहुंचाते है इसलिए नंदी भगवान का पंचामृत से रुद्र सूक्त के द्वारा अभिषेक और पूजा करके नंदी भगवान को प्रसन्न किया जाता है। नंदी आराधना से भक्त का मन स्थिर रहता है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। मान्यता है कि प्रदोष काल में प्रथम पूजन नंदी भगवान का करना चाहिए, इस से भगवान शिव भी प्रसन्न होते है।
ऋषि शिलाद के पुत्र ही नंदी कहलाए जो भगवान शिव के परम भक्त, गणों में सर्वोत्तम और महादेव के वाहन बने। भगवान शिव ने नंदी की भक्ति से प्रसन्न हो कर प्रत्येक शिव मंदिर में नंदी की प्रतिमा होने का वरदान भी दिया था। यही कारण है कि बिना नंदी के दर्शन और उनकी पूजा किए भगवान शिव की पूजा अपूर्ण मानी जाती है।
ऐसी मान्यता है कि जब नंदी जी को शिवलिंग के समक्ष स्थापित होने का वरदान मिला तो वह तुरंत भगवान शिव के सामने बैठ गए। तब से ही प्रत्येक शिव मंदिर के सम्मुख नंदी जी की प्रतिमा देखने को मिलती है ।
इन्हीं शास्त्रीय संदर्भों से धर्मसम्मत आराधना परंपरा के अनुपालन में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में नंदी जी की प्रत्येक प्रदोष तिथि पर एकादश अर्चकों द्वारा विधिपूर्वक आराधना संपन्न की जाती थी। श्री काशी विश्वनाथ धाम में नित नवीन सनातन नवाचारों की श्रृंखला में प्रदोष तिथि 05 मई 2024 को "प्रथम नंदीश्वर उत्सव", 20 मई 2024 को " द्वितीय नंदीश्वर उत्सव ", 04 जून 2024 को "तृतीय नंदीश्वर उत्सव", 19 जून 2024 को “चतुर्थ नन्दीश्वर उत्सव”, 03 जुलाई, 2024 को पंचम "श्री नंदीश्वर उत्सव" के रूप में इस आराधना को भव्य स्वरूप प्रदान करते हुए पर्व के समान व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर उत्सव मनाया गया। आज 18 जुलाई, 2024 को गुरु प्रदोष पर्व पर पुनः एकादश आचार्यों द्वारा संपादित आराधना वृहद स्तर पर महादेव के श्रद्धालुओं की व्यापक सहभागिता के साथ समारोहपूर्वक षष्टम् "श्री नंदीश्वर उत्सव" आयोजित किया गया। आज के आयोजन में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के न्यासी वेंकट रमण घनपाठी ने प्रधान आचार्य अर्चक एवं श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण एवं डिप्टी कलेक्टर शम्भू शरण ने यजमान के रूप में षष्टम् "श्री नंदीश्वर उत्सव" समारोह के याजक की भूमिका का निर्वाह करने का पुण्य लाभ प्राप्त किया। पूर्व से ही प्रदोष तिथि पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भजन संध्या शिवार्चनम का निरंतर आयोजन प्रत्येक प्रदोष तिथि पर किया जा रहा है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने सभी शिवभक्तों को इस विराट उत्सव का साक्षी एवं सहभागी होने के लिए ससम्मान आमंत्रित किया I प्रत्येक प्रदोष तिथि पर "श्री नंदीश्वर उत्सव" विराट स्वरूप में निरंतर आयोजित किया जायेगा।