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जीवनदीप में श्री राम कथा के छठवें दिन प्रभु श्री राम और माता जानकी के मिलन का वर्णन सुनकर झूम उठे भक्त



 06/Jul/24

वाराणसी। बड़ा लालपुर स्थित जीवनदीप शिक्षण समूह के नर्सिंग हॉल में शनिवार को आठ दिवसीय श्री राम कथा के छठवें दिन प्रभु श्री राम और माता जानकी के मिलान का वर्णन किया गया। जगद्गुरु रामानुजाचार्य गोविंदाचार्य गुप्तेश्वर जी महाराज ने छठवें दिन श्री राम कथा का प्रारंभ करने से पूर्व व्यास पीठ का पूजन किया। उन्होंने कहा कि जनक जी की बगिया में राम और लक्ष्मण अपने गुरु विश्वामित्र जी के लिए पुष्प और तुलसी दल लेने गए। तभी वहां मौजूद माली और मालिनी उन्हें देखकर मंत्र मुग्ध हो गए। मानो भगवान ने सबका मन हर लिया हो और सब दुनिया भर की बातों को भूलकर प्रभु में लीन हो गए। साथ ही प्रभु के रूप माधुर्य का पान करने लगे। उसी समय मां जानकी अपनी सखियों के साथ पार्वती पूजन के लिए पुष्प लेने बगिया में आईं। एक सखी फुलवारी देखने कुछ आगे बढ़ी तभी उसे प्रभु के दर्शन हुए। इस दौरान वो प्रभु को देखते ही आनंदित होकर बेसुध जैसी हो गई। जिसके बाद अन्य सखियों के पास पहुंची तो सखियों से पूछा क्या हुआ तुमको। तेरी हालत है क्या सखी कुछ तो बता, क्यों काठ जैसी मूरत खड़ी.....। आगे उन्होंने माता जानकी और प्रभु श्री राम के मिलन के दृश्य का मनोहारी वर्णन किया। जिसे सुनकर श्रोताओं के मन प्रफुल्लित हो गया। सभी नाचने और झूमने लगे। जीवनदीप शिक्षण समूह के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार सिंह व डॉ. अंशु सिंह ने महाराज जी का तिलक और पुष्पों से स्वागत किया। साथ ही व्यास पीठ की आरती की। जिसके बाद कथा प्रारंभ हुई। इस दौरान ऋषिकेश से पधारे योगर्षि स्वामी ओमो द गुरु, कोलकाता से पधारे संपूर्ण माया पत्रिका के प्रधान संपादक संदीप मित्रा, वरिष्ठ पत्रकार डॉ. अजय ओझा, जीवनदीप महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. इंद्रेश चंद्र सिंह, संबद्धता निदेशक शैलेश त्रिवेदी, उप प्राचार्य डॉ. अमित सिंह, डॉ. नंदा द्विवेदी के अलावा सभी अध्यापक व कर्मचारी मौजूद रहे।


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