वाराणसी। ब्रेथ ईजी चेस्ट सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल अस्सी वाराणसी द्वारा राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के उपलक्ष्य में अस्थमा सम्बंधित बचाव, सुझाव व नि:शुल्क परामर्श शिविर कैंप का आयोजन प्रात: 9 से 12 बजे तक किया गया। जिसमें फेफड़ो की जाँच, रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा, ब्लड प्रेसर, ब्लड सुगर इत्यादि का जाँच तथा आवश्यकतानुसार नि:शुल्क दवा वितरण किया गया। इस शिविर में आए कुल 52 लोगों को निशुल्क सेवा प्रदान की गयी। इस मौके पर डॉ. एसके पाठक, वरिष्ठ टी.बी, श्वांस एवं फेफड़ा रोग विशेषज्ञ ने मरीजों को संबोधित करते हुए बताया कि गर्मियों में अस्थमा के मामलों में थोड़ी कमी आ जाती है, इसलिये कईं लोग थोडे से असावधान हो जाते हैं, और अपनी दवाईयां समय पर नहीं लेते और जरूरी सावधानी नहीं रखते। लेकिन ऐसा नहीं है कि गर्मियों में अस्थमा के ट्रिगर वातावरण में उपस्थित नहीं रहते बल्किं कुछ ट्रिगरों जैसे वायु प्रदूषण, पराग कण, धूल आदि की उपस्थति अन्य मौसमों की तुलना में बढ़ जाती है। गर्मी और उमस भी अस्थमा के ट्रिगर का कार्य करती है, इसलिये जरूरी है कि इस मौसम में भी पूरी सावधानी रखी जाये ताकि अस्थामा अटैक का खतरा नहीं रहे। डॉ. पाठक ने आगे बताते हुए कहा कि कईं अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि गर्म और उमस भरी हवा में सांस लेने के चार मिनिट में ही अस्थामा के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। अस्थमा मरीजो को बार बार खांसी आना, सास फूलना, धुल-धुएं से एलर्जी, प्राय: कई बार छीक आना, बलगम के साथ कफ़ आना इत्यादि मुख्य लक्षण होते हैं। डॉ. पाठक के अनुसार आज-कल की वाराणसी की खुदी हुई सडकें, उससे उड़ते हुए धुल-कड़ प्रदुषण का सबसे बड़ा कारण है, इससे बड़े ही नही स्कूल जाते बच्चो के भी फेफड़ा पर असर पड़ता हैं, जिसकी वजह से उन्हें बार बार खांसी आना, बार-बार छीक आना, सास फूलना आदि जैसे परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। डॉ. पाठक आगे बताते हैं कि यदि समय रहते इसका इलाज नही किया गया तो ये आगे चलकर अस्थमा का रूप ले लेता हैं।
डॉ. पाठक ने बताया कि श्वांस मरीजो को अपने आहार में अधिक से अधिक एंटी ओक्सिडेंट को शामिल करना चाहिए, आहार में जितनी ज्यादा विटामिन सी की मात्रा होगी, आपके लिए उतना ही ज्यादा लाभकारी होगा Iखट्टे फल, जूस और अंकुरित खाद्य पदार्थ को अपने भोजन में जरूर शामिल करें, क्योकिं इनमे विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता हैं। ब्रेथ ईजी जन जागरूकता के लिए समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाता रहता हैं जिसमे नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर, क्लिनिक, जन जागरूकता रैली, मोबाइल कैंप प्रमुख हैं।