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अस्सी नदी के विलुप्त हो रहे पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्व को पुनर्स्थापित करने की दिशा में VDA एवं IIT BHU ने परियोजना के MOU पर किया हस्ताक्षर



 27/Jun/24

जनपद वाराणसी में स्थित अस्सी नदी का पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्व है जो वर्तमान में विलुप्त की अवस्था में है। अस्सी नदी की महत्वा एवं पर्यावरण की संरचना तथा जल संरक्षण के दृष्टिगत उक्त नदी का पुनरुद्धार कार्य वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा कराया जाना प्रस्तावित है। अस्सी नदी को पुनर्जीवित करने तथा पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्व को पुनर्स्थापित करने की दिशा में वाराणसी विकास प्राधिकरण (वी.डी.ए.) एवं भारतीय प्रौ‌द्योगिकी संस्थान वाराणसी (आई.आई.टी. बीएचयू) ने एक सहयोगात्मक प्रयास शुरू किया है।

उक्त परियोजना के एम.ओ.यू. पर औपचारिक रूप से सिविल इंजीनियरिंग विभाग (आई.आई.टी. बीएचयू) के प्रमुख प्रोफेसर एस०एस० मंडल एवं वाराणसी विकास प्राधिकरण के अधिशासी अभियंता श्री आनन्द कुमार मिश्रा द्वारा दिनांक 26 जून, 2024 को हस्ताक्षर किए गये। समारोह में आई.आई.टी. बीएचयू ० के निदेशक प्रोफेसर अमित पात्रा और वाराणसी विकासा प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री पुलकित गर्ग (आई.ए.एस.), प्रोफेसर विकास दुबे, डीन आर. एण्ड डी., अन्य डीनए वरिष्ठ प्रोफेसर एवं प्राधिकरण के प्रतिनिधि सहित गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। इस अवसर की शुरुआत सिविल इंजीनियरिंग आई.आई.टी. बीएचयू के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एस०एस० मंडल के एक मार्मिक उद्धरण के साथ हुई, जिसमें परियोजना का सार बताया गया-

सुरम्य धाराएं वरुणा अस्सी। नहाए जिनमें कबीर तुलसी ।।

अस्सी नदी के सांस्कृतिक, सामाजिक, पर्यावरणीय और आध्यात्मिक महत्व पर भी प्रकाश डाला गया। यह उस महत्व और जुड़ाव का प्रतीक है जो कबीर और तुलसीदास जैसे कवियों और संतों का नदी के साथ रहा है। यह सहयोगात्मक प्रयास नदी के पुनरुद्धार, पर्यावरण संरक्षण और वाराणसी में अस्सी नदी के भावनात्मक जुड़ाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा जिससे उपरोक्त वाक्यांश साकार हो सके।

परियोजना हेतु निष्पादित एम०ओ०यू० के तहत आई०आई०टी० बी०एच०यू० द्वारा निम्नलिखित कार्य किये जाने है

 • अस्सी नदी के पुनरुद्धार के लिए व्यापक कार्य योजना तैयार करना (मुख्य परियोजना)।

• अस्सी नदी के बेसिन का भू-तकनीकी अध्ययन (उप परियोजना-1)।

• अस्सी नदी के बेसिन का भू-भौतिकीय और भू-आकृति विज्ञान अध्ययन (उप परियोजना-2)।

• अस्सी रीवर फ्रन्ट की योजना और डिजाइन (उप परियोजना-3)।

चार चरणों में तैयार होगी डी०पी०आर०, 8 महीने की अवधि में पूरा किया जाएगा

1. प्रारम्भिक मूल्यांकन रिपोर्ट और डेटा संग्रह- दूसरा महीना

2. प्रौद्योगिकी समाधान के साथ व्यवहार्यता रिपोर्ट पाँचवा महीना 

3. मसौदा विस्तृत परियोजना रिपोर्ट- सातवाँ महीना

4. अंतिम विस्तृत परियोजना रिपोर्ट आठवाँ महीना उक्त कार्यों पर कुल धनराशि रु० 1.12 करोड़ व्यय सम्भावित है।

प्रश्नगत परियोजना का प्रमुख अंश जल पुनर्जीवन, नदी तट विकास, पर्यावरण सुधार, हरित क्षेत्र विकास एवं जल शुद्धीकरण का कार्य प्रस्तावित है जिससे अस्सी नदी पुनरुद्धार से नदी के पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्व का पुनर्स्थापन हो सके।


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