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काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत कुलपति तिवारी का हार्टअटैक से हुआ निधन



 27/Jun/24

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी का बुधवार 26 जून शाम को निधन हो गया। 73 वर्षीय डॉ. तिवारी पिछले काफी दिनों से न्यूरो से संबंधित बीमारी का उपचार करा रहे थे।
खबर है कि उन्हें अचानक सीने में दर्द के साथ घबराहट महसूस हुई तो उन्हें रवींद्रपुरी स्थित ओरियाना अस्पताल
ले जाया गया जहाँ इलाज के दौरान हार्टअटैक के चलते उनका निधन हो गया। उनका निधन होते में परिवार में शोक की लहर दौड़ गई। इसके पश्चात उनके पार्थिव शरीर को अस्पताल से टेढ़ीनीम स्थित उनके आवास पर ले जाया गया।

उनके एकलौते पुत्र पं. वाचस्पति तिवारी ने बताया कि पिता का अंतिम संस्कार मणिकर्णिका घाट पर किया जाएगा। शवयात्रा टेढ़ीनीम स्थित आवास से मणिकर्णिका जाएंगी।

BHU से किया काशी विश्वनाथ मंदिर पर PHD

​​​डॉ. कैलाशपति तिवारी के पुत्र डॉ. कुलपति तिवारी का जन्म 10 जनवरी सन् 1954 को वाराणसी में हुआ था। इनकी प्रारंभिक शिक्षा 4 वर्ष की अवस्था में बसंत पंचमी के दिन बाबा विश्वनाथ का तिलकोत्सव के दिन विश्वनाथ मंदिर के ठीक सामने महंत आवास में हुई थी।


तत्पश्चात इन्होंने कमच्छा स्थित सेंट्रल हिंदू स्कूल में आगे की पढ़ाई करने के बाद बीएचयू से बीकॉम और एमकॉम किया। इसके पश्चात श्री तिवारी ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय में ‘श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर की संरचना और प्रकार्य’ (धर्म के समाजशास्त्र ) विषय पर शोध करके डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की और डॉ. कुलपति तिवारी बन गए। डॉ. तिवारी ने दर्जनों धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक संगठनों के संरक्षक, मार्गदर्शक, अध्यक्ष आदि पदों पर रहे।

पिता डॉ. कैलाशपति के निधन के पश्चात् डॉ. कुलपति ने संभाली महंत की जिम्मेदारी

डॉ. कुलपति तिवारी के पिता डॉ. कैलाशपति तिवारी का निधन 7 मार्च 1993 को होने के पश्चात् काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत की जिम्मेदारी इन्हें मिली । महंत की गद्दी पर आसीन होने के बाद विश्वनाथ मंदिर से जुड़ी लोक परंपराओं को भव्यता प्रदान करने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वर्ष 1983 में विश्वनाथ मंदिर के अधिग्रहण के पश्चात् सरकारी नीतियों का विरोध करने के कारण उन्हें जेल भी जाना पड़ा था।
बावजूद इसके भले ही इन्हें श्री काशी विश्वनाथ मंदिर महंत की जिम्मेदारी से सरकारी तौर पर हटा दिया गया था लेकिन श्री काशी विश्वनाथ के दरबार में श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि पर काशी विश्वनाथ के झूलनोत्सव, दीपावली के अगले दिन होने अन्नकूट महोत्सव, बसंत पंचमी पर बाबा विश्वनाथ के तिलकोत्सव, महाशिवरात्रि पर विवाहोत्सव और अमला एकादशी पर बाबा के गवना उत्सव जैसी परम्परा को निभाने के लिए महंत जी और उसका उनका पूरा परिवार पुराने काशी विश्वनाथ मंदिर के ठीक सामने स्थित महंत आवास से संचालन करते रहे, लेकिन काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के पश्चात इस परंपरा का निर्वाह महंत जी के टेढ़ीनीम स्थित से होता रहा।
कुल मिलाकर धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी के काशी विश्वनाथ धाम में बाबा भोलेनाथ के सच्चे सेवक के रूप में डॉ. कुलपति तिवारी ने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था।

पीएम मोदी व सीएम योगी ने पूर्व महंत के निधन पर जताया शोक

महंत जी के निधन की सूचना मिलते ही उन्हें शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का ताता लग गया।
वाराणसी के सांसद प्रधानमंत्री मोदी ने डॉ. कुलपति तिवारी के निधन पर अपनी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया साइट X पर लिखा कि कुलपति तिवारी के निधन का दु:खद समाचार प्राप्त हुआ, डॉ. कुलपति जी के दीर्घकाल तक बाबा विश्वनाथ के अनन्य भाव से सेवा की, आज बाबा के चरणों में लीन हो गए। उनका शिवलोक गमन काशी के लिए अपूरणीय छति है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए लिखा कि वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ.कुलपति तिवारी का गोलोकगमन अत्यंत दु:खद है, मेरी ओर से उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि, मेरी संवेदना शोकाकुल परिवारजनों के साथ है। बाबा श्री काशी विश्वनाथ जी के पूण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान और शोक संतप्त परिवार को अथाह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।


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