वाराणसी के प्रसिद्ध उद्योगपति व तेल कारोबारी दीनानाथ झुनझुनवाला के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की। वाराणसी के तेल कारोबारी के नाटी इमली स्थित आवास के अतिरिक्त 7 राज्यों के 10 ठिकानों पर सुबह 7 बजे एक साथ छापेमारी की गई। इस दौरान किसी को भी अंदर-बाहर जाने की इजाजत नहीं थी। खबर की पुष्टि के लिए जब क्लाउन टाइम्स ने झुनझुनवाला के मोबाइल पर फोन किया तो वह बंद मिला लेकिन लैंडलाइन पर गार्ड ने फोन उठाकर बताया कि अंदर कार्रवाई चल रही है, इस दौरान मकान के बाहर पुलिस के जवान तैनात रहे। बता दें कि झुनझुनवाला के खिलाफ 2019 में सीबीआई ने करीब 900 करोड़ के बैंक फ्रॉड का केस दर्ज किया था। इसके पश्चात मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर ED की करवाई हुई थी। सूत्रों के मुताबिक, ED ने दो लैपटॉप और कई फाइलों को कब्जे में लिया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दीनानाथ झुनझुनवाला के वाराणसी स्थित नाटी इमली आवास पर ED की एक टीम शुक्रवार सुबह लगभग 7 बजे पहुंची और 2 टीमों ने आशापुर और हिरामन की ऑयल मिल पर छापा मारा। मिडिया में आ रही खबरों के अनुसार झुनझुनवाला के दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और उत्तराखंड समेत देश में झुनझुनवाला के 10 ठिकानों पर दस्तावेज खंगाला जा रहे हैं।
इस कार्यवाही के पीछे दीनानाथ झुनझुनवाला पर पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा से करीब 900 करोड़ का फ्रॉड करने का आरोप है। झुनझुनवाला और उनके परिवार ने 11 बैंकों से करोड़ों का लोन लिया था। लेकिन, अब तक लौटाया नहीं है। उनकी कंपनी जेवीएल एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड सबसे बड़ी कर्जदार है। आरोप है कि बैंकर्स से साथ मिली भगत कर लोन लिए और उसे लौटाया नहीं। खास बात यह है कि स्टॉक और बैलेंस शीट की गलत जानकारी देने के बावजूद बैंकों ने करोड़ों की क्रेडिट लिमिट दे दी थी।
जेवीएल एग्रो पर बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक समेत देशभर की अलग-अलग बैंक शाखाओं से बड़ा लोन लिया था। 2019 में सीबीआई ने जेवीएल एग्रो पर केस दर्ज किया था। सीबीआई केस के आधार पर ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।
झुनझुनवाला के फर्स से अर्श तक का कैसा रहा सफर
दीनानाथ को जानने वाले पुराने लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि आज से दशकों पहले दीनानाथ झुनझुनवाला दशाश्वमेध क्षेत्र में छोटी-मोटी बिस्कुट की दुकान लगाकर अपने कारोबार की शुरूआत किया और देखते ही देखते उन्होंने झूला ब्रांड डालडा (वनस्पति तेल) बनाना शुरू किया, जो यूपी-बिहार में काफी मशहूर रहा है।
1990 से कंपनी ने वनस्पति तेल बनाना शुरू कर दिया। कुछ दिनों में कारोबार चल पड़ा। 25 टन प्रतिदिन के उत्पादन से शुरुआत करने वाली यह कंपनी बाद में करीब एक हजार टन प्रतिदिन उत्पादन करने लगी।
2008 में कंपनी ने अपना नाम जेवीएल एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड किया। जेवीएल एग्रो ने वनस्पति, रिफाइंड सोयाबीन और सरसों तेल बनाया। झूला ब्रांड काफी लोकप्रिय हुआ। झुनझुनवाला का कारोबार इंडोनेशिया, चेकोस्लोवाकिया, मलेशिया और श्रीलंका में भी है।