यह दुनियां बहुत खूबसूरत है हम आपकी हर वस्तु में एक सुंदरता जिपी होती है जिसे देखने के लिए एक अलग नजर की जरूरत होती है दुनियां में हर चीज का नजारा लेने के लिए हमारे पास आंधी काही सहारा होता है लेकिन क्या कभी आपने यह सोचा है कि बिन के यह दुनिया कैशीअंधेरा ही अपेग मासून होना दुनिया की सारी खूबसू किन कुछ नहीं है. आंबे ना होने का दुख वही समझा सकता है जिसके मास असे नही होती.
मोड़ी देर के लिए अपनी आंखों पर पट्टी बांधकर देखे दुनिया कैसी लगती है. लगता है मा इर आखों के बिना ही सही से चला भी नहीं आ सकता और यही वजह है कि इसान सबसे ज्यादा रक्षा अपनी आंखों की ही करता है लेकिन कुछ अागों की दुनियां में परमात्मा ने ही अपए लिखा होता है जिन्हें आंखे नसीब नहीं होली कई बच्चे इस दुनिया में किता आधी के ही आते हैं तो कुछ हादगी में आई गंवा बैठते हैं दुनिया भर में नेहीनों की संख्या कापी अधिक है जिनमें से कई तो जन्मजात ही नेथहीन होते हैं आचों का महत्य तो हम सब समझते हैं और इसीलिए इसकी सुरक्षा भी हम बडे पैमाने पर करते हैं लेकिन हममें से बहुत कम होते हैं जो अपने साथ दूसरों के बारे में भी सोचते है. आखें ना सिर्फ ही रोशनी दे सकती है बारिक हमारे मरने के बाद वह किसी और की जिंदगी में भी अंधेरा हटा सकती है लेकिन अब बाल नेत्रदान की होती है तो काफी लोग इस अंधविश्वास में पीछे हट जाते है कि कहीं अगले जन्म में वह ने बहीन भा पैदा हो जाएं इस अंधविश्वास की वजह से दुनियां के कई नेत्रहीन लोगों को जिंदगी भर अंधेरे में ही रहना पड़ता । सुनीता विश्व नेत्रदान दिवस पर नेत्रहीनों में नेत्रायारोपण किया किया गया। ज आईसाईटी का चुकी है। डॉ.सुनील कुमार साह ने बताया कि अब तक 10000 नेत्रप्रत्यारोपण वाराणसी आईबैंक सोसाइटी आ चुकी हैं।