राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने होटल कोकाशा लंका में अखिल भारतीय मनीषी परिषद के द्वारा आयोजित गोष्ठी लोकतंत्र के महापर्व हमारा संविधानिक दायित्व पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि संविधान में हमारे अधिकारों कर्तव्य दायित्व का हमको स्पष्ट बोध कराया गया है हम अधिकारों की बात करते है दुहाई देते है किन्तु दायित्व का पालन नही करतें,
श्री मिश्र ने कहा कि मैं कर्तव्य दायित्व का हर कार्यक्रम में सबको बाचन और दायित्व को निभाने की प्रेरणा देता हूं हमारा देश,बोली ,शुभकामनायें भाषा खान पान से अलग दिखता है किन्तु भावनात्मक रूप से एक है एक रहेगा आजादी के पूर्व अनेक रियासतों थी छोटे छोटे समूह थे शासन सत्ता थी किन्तु उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम की सास्कृतिक संस्कृति संस्कार ने जोड़ कर रखा ।
संविधान हमारे लिए गीता रामायण कुरान बाइबिल समान पूजनीय है और काशी तो संस्कार संस्कृति की धर्म ध्वजवाहक रही है काशी जिसको भी अपनाती है मानदेती है दुनिया उसका अनुसरण करती हैं ।काशी के कण कण में प्रतिभा विद्वता विद्यमान है अष्ट सिद्धि की उर्जा ज्ञान देती है।
उन्होंने कहा कि कि संविधान बदलने की भ्रामक प्रचार करने वाले देश के साथ अपराध कर रहे है दुखदाई है हमारा संविधान दुनिया का सर्वश्रेष्ठ संविधान है कई देश के संविधान का निचोड़ उत्कृष्टता समाहित है हस्त लिखित संविधान के चित्रों में भी संदेश निहित है उसका ज्ञान होना चाहिए हर पृष्ठ का चित्र रामवन गमन हो कृष्ण का अर्जुन को गीता का उपदेश हो मोहन जोदडो की खुदाई से निकले नंदी बैल या गुरुकुल का चित्र सबका साफ संदेश है
उन्होंने कहा कि कोई भी ताकत संविधान बदल नहीं सकती लोकतंत्र में जनशक्ति ऐसे लोगों को उखाड़ फेंकती है दुनिया में इसके कई उदाहरण है
पद्मश्री राजेश्वर आचार्य जी ने काशी की महिमा व शंकर के अविनाशी होने की बात कही ।महामहिम
कोकाशा होटल परिवार के महामहिम के आगमन पर आरती पुष्प देकर स्वागत किया ।महिलाओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति थी ।
संचालक डा विद्यालय सागर पांडे, प्रो आद्या शंकर, डा वीणा पांडे, डा रजनी सरीन,अजय मिश्र, सक्षम मिश्र ,आशीष अग्रवाल,दिवाकर द्विवेदी, शशि प्रकाश मिश्र, प्रो सुनील, प्रो अनूप, प्रो पद्मनाभ, घनश्याम, पार्षद रविन्द्र सिंह, शशि मिश्रा, रेखा मिश्रा,भारती मिश्रा, धन्यवाद मंजरी द्विवेदी ने किया ।