संस्कार से शिखर की अनमोल धरोहर को सहेजता एलुमनी मीट-विरासत का प्रथम सम्मेलन विद्यालय के ज्ञानपीठ सभागार में दिनांक 26.05.2024 को आयोजित हुआ । इस समारोह में सन् 2001 सत्र के विद्यार्थी अपने परिवार समेत पधारे, जिन्होंने भारत ही नहीं अपितु वैश्विक पटल पर अपनी विशेष ख्याति प्राप्त की है, जिसमें प्रमुख रूप से डाॅ० सौरभ त्रिपाठी (आई०पी०एस०, डी०सी०पी०, इंटेलिजेंस मुम्बई), डाॅ० वन्दना त्रिपाठी, विपुल राय, डाॅ० पिंकी सिंह, नीरज सिंह, सौरभ सिंह, इंजी० मृगेश कुमार, सुशील राय, श्रीमती रचना रघुवंशी, नेहा दूबे, रूचि पाठक, पायल अग्रवाल, प्रियंवदा त्रिपाठी, अर्चिता सिंह के साथ-साथ ज्ञानेश्वर मिश्रा, डाॅ० आत्माराम सिंह, अमितोश श्रीवास्तव, विवेक कुमार सिंह, अभिषेक कुमार सिंह, शैलेष श्रीवास्तव, विकास मिश्रा, आशीष कुमार सिंह की विशेष उपस्थिति रही। सबसे पहले इन सभी विद्यार्थियों ने अपनी विद्यालय की मुख्य शाखा गिलट बाजार पहुँचकर वहाँ की माटी का चन्दन अपने माथे पर लगाया और उस भूमि को प्रणाम किया। वहाँ पहुँचकर उन्होंने अपनी प्रधानाचार्या श्रीमती विद्या सिंह जी (वर्तमान में विद्यालय की संरक्षिका) के चरणों में प्रणाम किया तथा संस्था सचिव राहुल सिंह से भेंट कर भाव विह्वल हो उठे। अपनी कक्षाओं के बीच पहुँचकर विद्यालय भवन में उन सभी ने अपने पुराने दिनों को याद किया और पुरानी स्मृतियों को जीवन्त किया। इस सम्मेलन का मुख्य आकर्षण पधारे सभी पूर्व छात्रों ने पुरानी घटनाओं को याद किया और सभी शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए कृतज्ञता ज्ञापित की । उसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों की ऐसी झड़ी लगी कि यह श्रृंखला रूकने का नाम नहीं ले रही थी। इन सभी विद्यार्थियों ने अपने शिक्षकों का विशेष अलंकरण किया तथा विद्यालय ने भी समस्त परिवार के साथ सभी पूर्व छात्र-छात्राओं का अलंकरण एवं विशेष सम्मान किया। सभी ने अपने मन को थामा और एक बार फिर विद्यालय प्रबन्धन के प्रति आभार प्रकट कर नम आँखों से विदाई ली। संस्था की निदेशिका डाॅ० वन्दना सिंह ने सभी पधारे विद्यार्थियों को अपनी विरासत सहेजे रखने एवं संस्कारशील होने के लिए विशेष रूप से आग्रह किया। विद्यालय की प्रधानाचार्या डाॅ० नीलम सिंह ने आगत सभी छात्रों का आभार प्रकट करते हुए उन्हें निकट भविष्य में भी विद्यालय परिवार से जुड़े रहने एवं उनके मंगलमय भविष्य के विशेष शुभकामनाएं दीं।