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वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता व व्‍यंग्‍यकार जवाहर लाल शास्त्री 'चंचल' की 90वीं वर्षगाँठ उल्लासपूर्ण वातावरण में सम्पन्न



 22/May/24

वाराणसी। वरिष्ठ अधिवक्ता, सजग संस्कृति सेवक, व्यंग्यकार जवाहर लाल शास्त्री एडवोकेट 'चंचल' की 90वीं वर्षगाँठ उनके आवास 'लक्ष्मीप्रियाय' डी.58/7-39, डॉ. भगवानदास नगर कालोनी, सिगरा, वाराणसी में प्रमुख अधिवक्ताओं, संगीतकारों, कलाविदों, संस्कृति प्रेमियों और शुभचिन्तकों की स्नेहिल शुभकामनाओं के उल्लासमय वातावरण में सायंकाल से प्रारम्भ होकर अर्द्धरात्रि तक चलती रही। अपने उद्‌गार प्रस्तुत करते हुए डॉ. अशोक सिंह ने कहा कि काशी की संस्कृति, सभ्यता, कला और साहित्यिक गतिविधियों के लगातार लगभग नव दशकों तक न केवल साक्षी अपितु उनके अभिन्न अंग के रूप में श्री जवाहर लाल शास्त्री 'चंचल' का व्यक्तित्व एवं कृतित्व अविस्मरणीय रहा है। उनकी समाजसेवा व सांस्कृतिक निष्ठा के साथ-साथ हास्य व्यंग्य की उनकी चुटीली रचनाएँ देश, समाज और मानवता के हित के लिए समर्पित रहे हैं।

शुभाजीत साहा 'शंकर' ने अपनी रचनाओं में कहा कि "प्राणों की कोयल तोड़कर जा बैठी, अनजाने तट पर सिसकी भर-भर कर, हम नंगी डाले निहार रहे। जब तक सांसे थी, जब तक जीवन थी, जब तक कोयल थी मधुबन था।" डॉ. राम सुधार सिंह ने कहा, "आपका व्यक्तित्व ही आपका कर्तृत्त्व है, उम्र के इस पड़ाव पर तमाम परेशानियों के बावजूद आपने अपने को सम्भालते हुए हम लोगों के प्रेरणा के स्रोत हैं।" इनके बाद डॉ. अत्रि भारद्वाज ने अपने उद्गार में कहा, "आपके जीवन में परेशानियाँ तो बहुत ही आयी हैं और अपने जीवन के आखरी पड़ाव पर फिर से ऊर्जावान होकर समाज सहित अपने पूरे परिवार को सहारा दे दिया जो कि बहुत ही दुर्लभ है, आप नये दौर के लोगों के लिए प्रेरणा के सदा ही स्रोत रहेंगे।"

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से अजय राय, आनन्द कुमार मौर्य एडवोकेट, सुरेश सिंह एडवोकेट, रामकृष्ण गुप्ता एडवोकेट, बद्रीनाथ एडवोकेट, पंकज सिंह एडवोकेट, प्रमोद राम त्रिपाठी एडवोकेट, डॉ. राम सुधार सिंह, डॉ. अत्रि भारद्वाज, डॉ. रामअवतार पाण्डेय, देव नारायण, पं. पूरण महाराज, डॉ. संतोष यादव, श्रीमती अंजना रानी साहा, सर्वश्री शुभाजीत साहा, जितेन्द नाथ मौर्या, प्रकाश यादव, अदिति, नागेन्द्र वाजपेयी, विजय विनीत, देव नारायण, सीए, अमित कुमार विश्वकर्मा, सीए. सौरभ साहू, अवधेश सिंह एडवोकेट आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

अन्त में शास्त्री जी ने अपने 90वीं वर्ष के जीवन काल व अधिवक्ता जीवन सामाजिक व सांस्कृतिक गतिविधियों पर सिलसिलवार विस्तृत प्रकाश डालते हुए प्रेस व मीडिया सहित सभी शुभागन्तुकों को उनके स्नेहिल और सादर उपस्थिति के लिए हार्दिक कृतज्ञता प्रगट की। धन्यवाद प्रकाश शैब्लिनी कुशवाहा एडवोकेट ने की। सभी उपस्थितजनों ने लक्ष्मीप्रियाय भवन के द्वितीय तल पर पूरी आत्मीयता के साथ संयोजिका की ओर से प्रस्तुत स्वल्पाहार में सहभागिता दी।


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