MENU

हरिश्चंद्र महाविद्यालय में आयोजित हुआ पुरातन छात्र सम्मेलन, पूर्व छात्रों ने साझा किए अनुभव



 20/May/24

पुरातन विद्यार्थियों की उपलब्धि संस्थान की व्यक्तिगत उपलब्धि जैसी : प्रो. रजनीश कुंवर

वाराणसी। हरिश्चंद्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय में पुरातन छात्र सम्मेलन 2023-24 का आयोजन शनिवार को किया गया। यह सम्मेलन भारतेन्दु हरिश्चंद्र पुरातन छात्र संघ के बैनर तले आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि चंद्र मोहन उपाध्याय, जिला जज, लोक अदालत मुजफ्फरनगर व विशिष्ट अतिथि डॉ. अमित कुमार जायसवाल, पूर्व विभागाध्यक्ष, विधि विभाग रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य प्रो. रजनीश कुंवर ने किया।

मुख्य अतिथि जिला न्यायाधीश चंद्र मोहन सिंह ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह हम सभी के लिए गौरव का क्षण है कि आज हम अपनी जड़ की ओर वापस लौट सके हैं। उन्होंने कहा कि व्यक्तित्व निर्माण में शैक्षणिक संस्थान की भूमिका परिवार के समान है। आज जो कुछ भी सार्वजनिक जीवन में उपलब्धि हासिल हो पाई है यह इस महाविद्यालय की ही देन है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने हरिश्चंद्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय तथा पुरातन छात्र संगठन इकाई को हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रो. रजनीश कुंवर ने सम्मेलन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि ऐसे सम्मेलनों से न सिर्फ विद्यार्थी वापस अपने संस्थान से जुड़ते हैं बल्कि संस्थान भी अपने पूर्व विद्यार्थियों की उपलब्धि का संज्ञान कर गौरवान्वित होता है। उन्होंने पुरातन छात्र संगठन इकाई की पहल की सराहना करते हुए कहा कि हरिश्चंद्र महाविद्यालय के विद्यार्थी देश विदेश में कॉलेज का गौरव बढ़ा रहे हैं और महाविद्यालय से जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुरातन विद्यार्थियों की उपलब्धि हम सभी के लिए व्यक्तिगत उपलब्धि जैसी है। प्रो. कुंवर ने आने वाले दिनों में एक बड़े आयोजन की भी उम्मीद जताई।

सम्मेलन में बतौर विशिष्ट अतिथि डॉ. अमित कुमार जायसवाल ने कहा कि यह महाविद्यालय मेरे लिए परिवार जैसा है। उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए व्यक्तिगत तौर पर गौरव का विषय है कि मैने यहीं से अपने छात्र जीवन की शुरुआत की और बाद में यहीं अध्यापन भी किया। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय की गरिमा चहुंओर फैल चुकी है।

कार्यक्रम के संयोजक प्रोफेसर अनिल कुमार ने बताया कि इस सम्मेलन में 50 अलुमिनाई छात्रों ने भाग लिया है। हम सभी एक साथ मिलकर अपने अनुभव और ज्ञान का आदान-प्रदान करते हैं, जो पुरातन छात्र समाज के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि हम यहां पुरातन छात्रों के माध्यम से अपने समय के बारे में सीख सकते हैं, उनके अनुभवों से प्रेरणा ले सकते हैं और उनकी सफलता के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। प्रोफेसर अनिल कुमार ने नवीन छात्रों का आह्वान किया कि आने वाली पीढ़ी सुसंस्कारित हो। इस अवसर पर पुरातन छात्रों ने अपने अनुभवों को साझा किया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. रिचा सिंह ने व धन्यवाद ज्ञापन प्रो. प्रभाकर सिंह ने दिया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रोफेसर पंकज सिंह, प्रोफेसर अशोक कुमार सिंह, प्रोफेसर सुबोध कुमार, प्रोफेसर विश्वनाथ वर्मा, प्रोफेसर कनकलता विश्वकर्मा, प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव, प्रोफेसर संजय श्रीवास्तव, डॉ. राम आशीष सहित सभी महाविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी व विद्यार्थी उपस्थित रहे।


इस खबर को शेयर करें

Leave a Comment

5929


सबरंग