वाराणसी। नमो घाट पर जिला प्रशासन वाराणसी द्वारा आयोजित काशी वन्दन दैनंदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम में लोकतन्त्र महापर्व का तीसरी संध्या नमो घाट में, "मधु मूर्छना" के संस्थापिका डॉ. सोमा घोष और "काशी विरासत संरक्षण समिति" के तत्वावधान में सुंदर तरीके से सम्पन्न हुआ। इसमे सबसे पहले सोमा जी के नेतृत्व मे सभी कलाकारों ने मिलकर "रखु पति रागव राजा राम" की प्रस्तुति सभी मंचासीन कलाकरो ने किया। उसके बाद सभी कलाकाओं ने वोट जागरुकता के लिए जनता से वोट देनेके लिए अपील किया जिसमें ललित कुमार, पंकज मिश्रा, अंशुमान महाराज, (नमो घाट पर प्रतिदिन चल रहे कार्यक्रम के संयोजक भी है), पंडित सुखदेव मिश्रा, गौरव चक्रवर्ती, पूजा बसाक, वर्षा बसाक, संतोष मिश्रा, वीरेंद्र तथा बांसुरी वादक मुकुंद शर्मा। तत्पश्चात सोमा जी ने बनारस के गायिकाओं का, भारत की आजादी के समय योगदान को याद करते हुए, "हमरी अटारिया पे आओ सवारियां" को गाया। पुनः सोमा जी ने हर नागरिक को वोट देने को याद दिलाया और कहे कि काशी के कण कण में शिव विराजते है, कह कर नाद तनु भगवान शिव के हर रूप, कभी ध्यानी कभी योगी, कभी नर्तक और कभी गायक, कभी श्रृष्टि तो कभी प्रलय, शिव के हर रूप का गीतों से अभिनव प्रस्तुति किया।
इन तीन दिनों का लोक तंत्र महापर्व का कार्यक्रम बड़ा ही अनोखा रहा। उसके पश्चात पं कन्हैयालाल स्मृति संस्कृति संस्थान के प्री आलोक पांडेय एवं पूर्णिमा पांडे के शिष्याओं ने भरतनाट्यम की मनमोहक प्रस्तुति दी जिसे वहां बैठे श्रोतागण मंत्रमुग्ध हो गये। धन्यवाद काशी विरासत संरक्षण सद्स्य अंशुमान महाराज, अनूप मिश्रा एवं अंकित सिंह ने किया।