गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित कराने व गोकशी बंद कराने हेतु गौमाता राष्ट्रमाता प्रतिष्ठा आन्दोलन के अंतर्गत वृंदावन गोवर्धन पर्वत से दिल्ली में 1966 में धर्मसम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज के अगुवाई में आंदोलनरत सन्तों पर चली गोली से सैकड़ों की संख्या में जिस स्थान पर संतो ने अपना बलिदान दे दिया था। उस स्थान तक संकल्प लेकर नंगे पांव पदयात्रा कर रहे परमाराध्य परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती जी महाराज का आज संकल्प पूर्ण हो जाने पर हर्षित काशी के भक्तों ने लंका स्थित ग्लोरियस एकेडमी के सभागार में शंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय के नेतृत्व में सस्वर सामूहिक हनुमान चालीसा का पांच बार पाठ किया।
हनुमान चालीसा का पाठ पूर्ण होने पर आयोजित सभा को सम्बोधित करते हुए शंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय ने कहा कि ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य जी महाराज गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित कराने व गोकशी बंद कराने हेतु बहुत बड़ा राष्ट्रव्यापी आंदोनल शुरू किए हैं। जिसके लिए वो निरन्तर कठिन तप कर पूरे देश मे गौमाता के रक्षार्थ एक अलख जगा दिए हैं। जिससे सौ करोड़ सनातनधर्मी किसी न किसी रूप में जुड़ चुके हैं।सनातनधर्मीयों के आस्था की केंद्र गौमाता का रक्त अब गोविंद के इस भारत भूमि पर किसी भी कीमत पर गिरना स्वीकार नही है। साथ ही शंकराचार्य जी महाराज कठिन संकल्प लेकर 14 मार्च से नंगे पांव पदयात्रा कर रहे हैं और करीब एक सप्ताह से छालेयुक्त चोटिल कदमों से चलकर अपने तप व आत्मबल से वृंदावन से दिल्ली तक का पदयात्रा करने का संकल्प पूर्ण कर लिए हैं। जिससे हर्षित काशीवासी आज सामूहिक सस्वर हनुमान चालीसा का पाठ कर हनुमान जी से प्रार्थना किए हैं कि शंकराचार्य जी महाराज का गौमाता राष्ट्रमाता घोषित कराने व गोकशी बंद कराने का अभियान पूर्ण हो।
धर्मसभा की अध्यक्षता करते हुए आचार्य जयन्तुजय शास्त्री ने कहा कि धर्मशास्त्रों में गौमाता के महत्व को बखाना गया है।और लोग कहते हैं इस समय हिंदुओं की सरकार है तो आखिर क्या कारण है कि सरकार गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित कर गौहत्या बंद नही करा रही है। सरकार को शंकराचार्य जी महाराज के धर्मोचित आग्रह पर ध्यान देकर गौमाता को अविलंब राष्ट्रमाता घोषित कर गौहत्या बंद कराना चाहिए।
धर्मसभा का संचालन त्रिशूलधारी राकेश पाण्डेय ने व आंगतुकों को सुजीत यादव ने आभार ज्ञापित किया।
पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज का संकल्प पूर्ण होने पर काशी से प्रतिनिधिमंडल लेकर दिल्ली गए डॉ गिरीश चन्द्र तिवारी ने शंकराचार्य जी महाराज को धर्मसम्राट अभिवन करपात्री जी की संज्ञा प्रदान की व इस संदर्भ में उद्घोष किया।
समस्त आयोजन में प्रमुख रूप से कीर्ति हजारी शुक्ला, सुनील उपाध्याय, पं सदानंद तिवारी, सुनील शुक्ला, संतोष तिवारी, जीपी सिंह, रवि मिश्रा, राम नारायण सिंह, मंजू मिश्रा, चित्रांगना तिवारी, आरती अग्रवाल, रागिनी खन्ना, शिल्पा उपाध्याय, विपिन मिश्रा, अनुपम कुमार सहित सैकड़ों लोग सम्मलित थे।