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माफिया मुख्तार अंसारी को फर्जी शस्त्र लाइसेंस केस में कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा



 13/Mar/24

Mafia Mukhtar Ansari : बांदा जेल में बंद माफिया  मुख्तार अंसारी को फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) अवनीश गौतम की अदालत में बुधवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। साथ ही दो लाख दो हजार का जुर्माना भी लगाया गया। इस दौरान मुख्तार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेश किया गया। इसी अदालत ने ही 5 जून 2023 को अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। मुख्तार को अब तक सात मामलों में सजा मिल चुकी है। आठवें मामले में वाराणसी कोर्ट ने सजा सुनाई है। माफिया मुख्तार अंसारी को बीते 18 महीने में अदालत ने आठवीं बार सजा सुनाई है। इससे पहले उसे गाजीपुर और लखनऊ के अलावा वाराणसी की अदालत ने सजा सुनाई थी।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, मुख्तार अंसारी ने 10 जून 1987 को दोनाली बंदूक के लाइसेंस के लिए गाजीपुर के जिलाधिकारी के यहां प्रार्थना पत्र दिया था। आरोप था कि गाजीपुर के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर से संस्तुति प्राप्त कर उसने शस्त्र लाइसेंस प्राप्त किया था। फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद सीबीसीआईडी ने 4 दिसंबर 1990 को गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में मुख्तार अंसारी, तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर समेत पांच नामजद और अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।

जांच के बाद तत्कालीन आयुध लिपिक गौरीशंकर श्रीवास्तव और मुख्तार अंसारी के विरुद्ध 1997 में आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया गया था। सुनवाई के दौरान गौरीशंकर श्रीवास्तव की मृत्यु हो जाने के कारण उसके विरुद्ध 18 अगस्त 2021 को मुकदमा समाप्त कर दिया गया। अदालत में अभियोजन की ओर से एडीजीसी विनय कुमार सिंह और अभियोजन अधिकारी उदय राज शुक्ला ने पक्ष रखा।

माफिया मुख्तार अंसारी को अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420 यानी धोखाधड़ी, 467 यानी बहुमूल्य सुरक्षा, वसीयत आदि की जालसाजी और 468 यानी ठगी के मकसद से जालसाजी का दोषी पाया गया, जिसमें सजा सुनाई गई है। भारतीय दंड संहिता की इन धाराओं के तहत अधिकतम दस साल तक की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा मुख्तार अंसारी को आयुध अधिनियम की धारा 30 के तहत दोषी पाया गया है। इसके तहत अधिकतम छह माह की सजा या जुर्माना या दोनों से दंडित करने का प्रावधान है।

13 मार्च 2024 : बांदा जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे अंतरराज्यीय गिरोह (आईएस-191) के सरगना मुख्तार अंसारी को गाजीपुर के फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में सजा सुनाई गई है। बुधवार की दोपहर विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश उपाध्याय की अदालत में मुख्तार अंसारी को सजा सुनाई गई। इस दौरान मुख्तार वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बांदा जेल से जुड़ा रहा।
15 दिसंबर 2023 : वाराणसी के भेलूपुर थाने में धमकाने के आरोप में दर्ज मुकदमे में मुख्तार अंसारी दोषी पाया गया। मुख्तार अंसारी को साढ़े पांच साल की सजा और 10 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया गया।
26 अक्तूबर 2023 : गाजीपुर के करंडा थाना में गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में मुख्तार अंसारी और उसका सहयोगी सोनू यादव अदालत द्वारा दोषी ठहराया गया। मुख्तार अंसारी को 10 वर्ष के कठोर कारावास व पांच लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया सोनू को पांच वर्ष के कठोर कारावास व और दो लाख के है। वहीं, अर्थदंड से दंडित किया गया।
05 जून 2023 : वाराणसी के चेतगंज थाने में अवधेश राय की हत्या सहित अन्य आरोपों में दर्ज मुकदमे में मुख्तार अंसारी को आजीवन कारावास और एक लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया।
29 अप्रैल 2023 : गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में मुख्तार को 10 वर्ष के सश्रम कारावास और पांच लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया। अदालत ने मुख्तार के भाई पूर्व सांसद अफजाल को भी गैंगस्टर एक्ट के तहत चार वर्ष और अर्थदंड से दंडित किया।
15 दिसंबर 2022 : गाजीपुर के कोतवाली थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में मुख्तार अंसारी को 10 वर्ष के कारावास और पांच लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया।
23 सितंबर 2022 : लखनऊ के हजरतगंज थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में मुख्तार अंसारी को पांच वर्ष के कठोर कारावास और 50 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया।
21 सितंबर 2022 : लखनऊ के आलमबाग थाने में धमकाने सहित अन्य आरोपों में दर्ज मुकदमे में मुख्तार को सात वर्ष के कठोर कारावास और 37 हजार के अर्थदंड से दंडित किया गया। छात्रनेता रहे अवधेश की हत्या में वाराणसी की एमपी/एमएलए कोर्ट उम्रकैद की सजा सुना चुकी है।


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