वाराणसी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन सलाहकार डॉ. ज्ञानेंद्र नाथ सिंह ने मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसन्धान संस्थान के वाराणसी स्थित दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र (आईसार्क) का भ्रमण किया। अपने इस भ्रमण के दौरान उन्होंने केंद्र के वैज्ञानिकों से देश व प्रदेश की कृषि व्यवस्था ए सतत विकास की दिशा में उन्नत स्मार्ट कृषि, कार्बन उत्सर्जन, जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की। इसके बाद डॉ. सिंह ने इर्री-दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र में उपलब्ध विभिन्न उच्च-तकनीकी प्रयोगशालाओं एवं अनुसंधान सेवाओं का भी दौरा किया। साथ ही इर्री द्वारा चावल अनुसंधान और खाद्य-सुरक्षा के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों की भी जानकारी प्राप्त की।आईसार्क के निदेशक डॉ. सुधांशु सिंह ने उन्हें संस्थान द्वारा चावल अनुसन्धान के क्षेत्र में किये जा रहे नये नवाचार उपलब्धियों जैसे अल्ट्रा - लो ग्ल्येसमिक इंडेक्स धान की प्रजातियों के विकास, कालानमक एवं अन्य पारम्परिक चावल की प्रजातियों के संरक्षण एवं शोध कार्य आदि प्रगतियों की जानकारी दी।
इर्री के वाराणसी स्थित इस केंद्र में खाद्य और पोषण सुरक्षा के साथ-साथ पर्यावरणीय फुटप्रिंट या प्रभाव को कम करते हुए उच्च उपज प्राप्त करने पर कई कार्य किये जा रहे हैं। संस्थान चावल आधारित खाद्य प्रणालियों के उत्पादन में वृद्धि, कौशल विकास कार्यक्रमों, चावल आधारित मूल्य वर्धित उत्पादों के विकास में भी क्रियाशील है।
डॉ. सिंह ने केंद्र में स्थित चावल मूल्यवर्धन हेतु क्रियाशील प्रयोगशालाओं में वैज्ञानिकों द्वारा कालानमक एवं अन्य सुगंधित चावलों से तैयार किये जा रहे बिस्किट, म्युस्ली, पफ्ड राइस, आइसक्रीम आदि उत्पादों के बारे में भी जानकारी ली। उनके साथ भ्रमण में बांग्लादेश कृषि अनुसंधान परिषद् के चेयरमैन डॉ. शैख़ मोहम्मद बख्तियार भी उपस्थित रहे। उन्होंने इर्री की स्पीडब्रीड फैसिलिटी में गहरी रूचि दिखाते हुए आइसार्क के निदेशक से बांग्लादेश में इस तकनीक को स्थापित करने में सहयोग माँगा।