स्वास्थ्य विभाग के तत्वाधान में व पी एस आई इंडिया के सहयोग से आयोजित हुई बैठक
शहरी परिवार कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत पंजीकृत निजी चिकित्सालयों से राज्य स्तरीय हेल्थ मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) पोर्टल पर समय से डाटा प्रदान करने को लेकर मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में निजी चिकित्सालयों की भागीदारी पर ज़ोर दिया गया। परिवार नियोजन रिकॉर्ड रजिस्टर पर भी डाटा फीडिंग के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी के निर्देशन में बैठक का आयोजन ‘दी चैलेंज इनीशिएटिव’ पॉपुलेशन सर्विसेज़ इंटरनेशनल (पीएसआई) इंडिया के सहयोग से किया गया।
बैठक में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एके मौर्य ने समस्त निजी चिकित्सालयों से कहा कि हर माह की 21 से 25 तारीख तक एचएमआईएस पोर्टल पर परिवार नियोजन कार्यक्रम की समस्त स्थायी व अस्थायी सेवाओं का डाटा अनिवार्य रूप से फीड करें, जिससे समस्त डाटा अपलोड किया जा सके। मध्यम वर्गीय परिवारों को परिवार नियोजन कार्यक्रम से जोड़ने में निजी क्षेत्र के अस्पताल अहम भूमिका निभा सकते हैं। इसके लिए निजी क्षेत्र के चिकित्सालयों में परिवार नियोजन की सेवा लेने वाले लाभार्थियों की शत-प्रतिशत रिपोर्टिंग व डाटा फीडिंग, एचएमआईएस पोर्टल पर समय से हो तो जनपद में गुणवत्तापूर्ण सेवायें प्रदान की जा सकेंगी और रैंकिंग में भी सुधार होगा। एसीएमओ ने कहा कि परिवार नियोजन पोस्टर, आईईसी व परामर्श के प्रदर्शन के लिए अस्पताल में जगह बनाएं, कंडोम बॉक्स स्थापित करें, सेवाओं और रिपोर्टिंग के लिए रिकॉर्ड बनाकर रखें, माह में एक बार निजी चिकित्सालयों के कर्मी शहरी स्वास्थ्य स्वच्छता व पोषण दिवस सत्र पर विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में लोगों को जागरूक करें। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं के बारे में लाभार्थी की काउंसलिंग करना बेहद अहम है। लाभार्थी को परिवार नियोजन के साधन देने से पहले, साधन के चयन के बाद और फॉलो अप काउंसलिंग करना जरूरी है।
पीएसआई इंडिया की सिटी प्रोजेक्ट मैनेजर कृति पाठक ने निजी चिकित्सालयों द्वारा सेवा प्रदान करने के साथ ही उसकी प्रतिमाह रिपोर्टिंग करने पर ज़ोर दिया, जिससे शहरी क्षेत्र में परिवार नियोजन सेवाओं की वास्तविक स्थिति का आकलन किया जा सके और जनपद का सूचकांक बेहतर हो सके। बैठक में अन्य बिन्दुओं जैसे सिजेरियन प्रसव, नियमित टीकाकरण, प्रसव पूर्व जांच, स्टिल बर्थ (मृत जन्म), 24 घंटे के अंदर शिशु को हेपेटाइटिस का इंजेक्शन लगाने, मातृ मृत्यु समीक्षा आदि के साथ जन्म – मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया और उसके सीआरएस पोर्टल के बारे में भी जानकारी दी गई। निजी चिकित्सालयों के पंजीकरण नंबर एवं सिटीजन चार्टर को डिस्प्ले करने पर भी ज़ोर दिया।
बैठक में मातृत्व स्वास्थ्य परामर्शदाता पूनम गुप्ता, जिला डाटा प्रोसेस सहायक प्रणव तिवारी, पीएसआई इंडिया से कृति पाठक व अखिलेश एवं अन्य अधिकारी व स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे।