प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना अंतर्गत राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड हैदराबाद द्वारा आयोजित गंगा नदी में संत रविदास घाट पर रिवर रैचिंग की गई। इसके जरिए नदियों में मत्स्य संरक्षण एवं पर्यावरण संतुलन बनाए रखने की कोशिश की जा रही है। भारतीय मेजर कार्प, रोहू, कतला, नैन के 2.50 लाख अंगुलिकाओ का संचय किया गया। मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्य एवं अध्यक्ष रामरति बिंद, डॉ. अनिल निषाद एवं डॉ. अनिल निषाद सहित सहायक निदेशक मत्स्य दीपांशु मौजूद रहे। इस दौरान घाट पर जागरूकता गोष्ठी का भी आयोजन किया गया। जिसमे दीपांशु सहायक निदेशक मत्स्य एवं ज्येष्ठ मत्स्य निरीक्षक राजेंद्र कुमार द्वारा गंगा नदी में मत्स्य आवास क्षरण मत्स्य संपदा की होती कमी के बारे में चर्चा करते हुए गंगा नदी के अविरल बनाने और अंगुलिकाओ के संचय से मछुआ समुदाय के आर्थिक स्थिति के सुदृढ़ करने एवं परंपरागत रोजगार को बढ़ावा देने पर बल दिया गया। साथ में मत्स्य उत्पादन को बढ़ाने एवं आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल से आयात होने वाली मछलियों को कम कर बड़े पैमाने पर मत्स्य उत्पादन कर अन्य जनपद और प्रदेशों में खुद निर्यात कैसे करेंगे के बारे में बताया गया। श्वेता सिंह द्वारा विभागीय योजनाओं की जानकारी दी गई। मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मोर्या ने कहा कि गंगा नदी में रिवर रैचिंग से गंगा का इको सिस्टम संतुलन बना रहेगा। गंगा साफ व शुद्ध रहेगी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा निषाद समाज की आर्थिक उन्नयन और स्वरोजगार के बारे में गहराई से सोच कर प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में 10 हजार से लेकर 6:30 करोड़ की योजना मुहैया कराए गए हैं।
मत्स्य पालन निषाद समाज के साथ अन्य लोगों के लिए बहुत बड़ा रोजगार साबित हो रहा है। इस अवसर पर भारी संख्या में मछुआ समाज के एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।