शिक्षा को बढ़ावा देने में समस्त मीडिया का अहम रोल : स्वदेश कुमार सिंह
वाराणसी। देश के विकास में शिक्षा के क्षेत्र में अद्भुत एवम दृढसंकल्प के साथ काम करने वाली दिल्ली एनसीवार के ग्रेटर नोएडा में स्थित प्रतिष्ठित एवं नामी संस्था जीएनआईओटी ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन के सदस्यों द्वारा आज पूर्वी उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर स्थित एक निजी होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम समूह के चेयरमैन डॉ. राजेश गुप्ता ने उपस्थित समस्त मीडिया से आए हुए अतिथियों का धन्यवाद प्रेषित करते हुए भारतीय प्रजातंत्र के चौथे स्तंभ रूप से इस प्रजातंय को सुदृद्ध बनाने वाले मीडिया एवं मीडिया जगत के विभिन्न नामचीन हस्तियों को धन्यवाद प्रेषित किया और उन्होंने बताया की किस तरीके से आज के इस प्रगतिशील भारतीय अर्थव्यवस्था एवं प्रजातंत्र में मीडिया अपनी भूमिका बहुत ही दृढ़ता से निभा रहा है। इस दृढ़ता का ही परिणाम है कि आज ज्ञान, विज्ञान, अनुसंधान, एवं राजनीति ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जो मीडिया एवं उनके प्रभावों से अछूता रह गया है। मीडिया अपनी भूमिका समाज सेवा के भाव से इस प्रति प्रतिपादित कर रहा है की जिसकी प्रशंसा अतुलनीय एवं सराहनीय है। आज के दौर में जनता की बातों को समान, देश एवं विश्व के पटल पर सत्यता में साझा करना, निबर और निर्भीक पत्रकारिता करना कोई आसान बात नहीं है। जीएनआईओटी प्रबंधन अध्ययन संस्थान, जीआईएमएस द्वारा इस आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में संस्थान द्वारा मैनेजमेंट शिक्षा जगत में किए गए अद्भुत कार्य एवं संस्था द्वारा देश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए किए जा रहे हैं विभिन्न निरंतर प्रयासों को मीडिया से आए हुए बंधुओं से साशा किया। उन्होंने बताया की आज जीएनआईकोटी एजुकेशनल समूह द्वारा आयोजित इस प्रेस कांफ़रा का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश राज्य में उच्च शिक्षा के लिए उत्सुक एवं नियमित नई ऊंचाइयों को छूने वाली भाकांक्षाओं के लिए एक आशा की किरण के रूप में संस्थान द्वारा किए जा रहे प्रयासों को यहां के विद्यार्थीयों के साथ साझा करने हेतु ही आयोजित किया गया है।
संस्था के चेयरमैन राजेश गुप्ता ने जीएनआईओटी एजुकेशनल समूह द्वारा विगत 22 वर्षों में किस भांति एक छोटे में संस्थान में प्रारंभ किए गए एक प्रयास को आज देश के टॉप संस्थाओं के प्रारूप के तौर पर देखा जा सकता है इस पूरी जीवन प्रक्रिया को उन्होंने मीडिया बंधु में साक्षात्कार के दौरान रखा और यह बात स्थापित करने की प्रयास किया कि उनके पूजनीय पिताजी द्वारा सोचे गए एक सपने को कैसे एक मूर्त रूप प्रदान किया गया। उन्होंने बताया की विगत 22 वर्षों में हम जीएनआईओटी समूह परिवार इंजीनियरिंग, प्रबंधन, बैचलर्स का बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, बैचलर्स आफ कंप्यूटर एप्लीकेशन, मास्टर्स ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन, मास्टर्स एंड टेक्रोलॉजी, एएनएम, बीएससी नर्तिम, बीएससी कंप्यूटर साइंस, बैचलर्स कॉमर्स, फार्मेसी, पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट, पीजीडीएम जैसे उच्च शिक्षा के कोर्सी को अपने समूह के अंदर में लगभग सात विभिन्न संस्थाजों के द्वारा समाज एवं समाज सेवा हेतु संचालित कर रहे हैं। उन्होंने स्कूल शिक्षा में भी अपने द्वारा किए जा रहे प्रयास एवं स्थापित किए हुए संस्थान का विवरण दिया।
विगत 22 वर्षों में संस्थान द्वारा लगभग 18000 से ज्यादा पुरातन छात्र है, उन्होंने यह साझा किया कि आज वह समय जा गया है की जब भी किसी भी मल्टीनेशनल कंपनी के किसी भी पदाधिकारी से मिलता हूं तो मुझे वहां मुझे वहां जीएनआईओटी एजूकेशनल समूह के छात्रों की उपस्थिति का पता चलता है कि वह आज दुनिया के हर उसे बड़ी कंपनियों में कार्यरत हैं वहां लोगों के लिए एक ड्रीम् नौकरियां होती हैं। आज संस्थान के पास अपना समय के मांग के अनुरूप उच्च सार का एक इबोबेशन सेंटर है जो नवीन उपकरणों से लैस है, शिक्षक जो उच्च शिक्षा पद्म कर चुके हैं और अनुसंधान में अग्रसर है। संस्थान के पास अपने खुद के छात्रावास है जिनके अंदर छात्र अनुरुप व्यवस्याएं स्थापित की गई है ताकि घर से दूर होकर भी उनका पर जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जा सके। संस्थान से बाहर रहने वाले छात्रों के लिए भी संस्थान द्वारा विभिक्ष माध्यम से ट्रांसपोर्ट सुविधा प्रदान की जाती है ताकि बासपात रहने वाले विद्यार्थीयों के लिए भी संस्थान पहुंचना आसान किया जा सके। भविष्य में आज के बदलती हुई अर्थव्यवस्था तकनीक संसाधनों की आवस्यकताओं एवं विकसित भारत की सोच के अनुरूप सिक्षण सिक्षार्थियों एवं शिक्षकों को तैयार करने हेतु संस्थान अपनी पूर्ण निशा ने कार्यरत रहेगा।
आज के इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए संस्थान के सीईओ स्वदेश कुमार सिंह ने सर्वप्रथम समस्त मीडिया बंधुओं का अभिवादन किया तथा शिक्षा जगत में मीडिया द्वारा निभाए जा रहे अहम रोल की विस्तारपूर्वक चर्चा की। उन्होंने बताया कि आज देश की हर छोटी से बड़ी बात मीडिया के माध्यम से कैसे विद्यार्थियों तक आसानी से निशुल्क घर बैठे पहुंचाई गाती है जिससे विद्यार्थी लाभान्वित होते हैं। उन्होंने बताया की संस्था में वाराणसी एवं आसपास से बड़ी संख्या में विधार्थी अध्यनरत है तथा संस्था इन विद्यार्थियों के समुचित विकास के लिए दूद्धसंकल्पित है। संस्था का मुख्य उद्देस्य अपने यहां अध्यनरत विद्यार्थीयों को आज के समय के मांग के अनुरूप शैक्षिक एबम बौद्धिक रूप में विकसित करना है। उन्होंने कहा संस्थान द्वारा संचालित जीएनआईकोटी प्रबंधन अध्ययन संस्थान में पीजीडीएम कोर्स इस पूरी सोच का एक जीवत उदाहरण है। उन्होंने बतामा जब संपूर्ण विश्व करोना जैसी महामारी से ग्रसित एवं भयभीत था जहां हर तरफ दर एवं अवसाद का वातावरण या उम मगच माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के एक कथन को आत्मसात करते हुए "नापदा में अवसर' को पूर्णता क्रियान्वित करते हुए जीआईएमएस संस्थान की स्थापना की और इतना ही नहीं इस सम्मान में शिक्षा, एवं शैक्षणिक गुणवत्ता से अति विशेष महत्व प्रदान किया गया। उन्होंने बताया की संस्थान इस अन्यकाल में ही अपनी पहचान केवल दिल्ली एनसीआर एक ही नहीं अव तो इस भारत भूखंड के अनेक राज्यों में अपनी पहचान बन चुका है। उन्होंने बताया कि इस पहचान काही फार स्वरुप है कि पिछले कई वर्षों से संस्थान में भारत के लगभग 22 राज्यों में आए हुए विद्यार्थी जीएनआईओटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में अपनी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उन्होंने बताया प्रतिवर्ष हम अपने ही स्थापित किए हुए बेंचमार्क को तोड़ रहे हैं और एक नए पायदान को स्थापित करते चल रहे चाहे वह छात्रों का हम पर विश्वास हो, चाहे प्लेसमेंट हो, चाहे रिसर्च हो या शिक्षा में नवीन गुणवत्ताओं के मापदंद को स्थापित करता हो, इन सभी मापदंडों में हमारा संस्थान अग्रसर है।
आज के इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में आए हुए विभिन्न मीडिया के सदस्यों द्वारा पूछे गए सवालों के उत्तर देते हुए जीएनआईआईटी संस्थान के सदस्यों ने बताया कि की संस्थान विगत वर्षों में कैसे इस तरीके की ऊंचाइयों तक पहुंच पाया है। आज के समय में वैश्विक अर्थव्यवस्था के अनुरूप छात्रों को तैयार करने हेतु, संस्थान इंटरनेशनल इमर्सन प्रोग्राम आयोजित करता है जिसमें संस्थान में अध्यनरत विद्यार्थियों का समूह को विभित्र देशों के वर्ल्ड क्लास विश्वविद्यालय के साथ एक्सचेंज प्रोग्राम के माध्यम से भेजा जाता है। इस प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य एक अच्छी सोच व विचारधारा के साथ उस व्यक्तित्व का निर्माण करना जो भारत राष्ट्र को विकसित राष्ट्र की श्रेणी में शामिल कर सके, ऐसे उत्तम ज्ञान वाले मानव संपदा का निर्माण करना है। बाज के समय में पाठ्यक्रमों में एवं व्यवसायिक जगत में आ रहे बदलाव को देखते हुए इंडस्ट्री इंटरेक्सन संस्थान की शिक्षण पद्धति का एक मूल भाग है जिसमें समय अंतराल पर कारपोरेट जगत से एक्सपर्ट को छात्रों के बीच संवाद स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया जाता है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में संस्था के ग्रुप हेड आउटरीच पंकज कुमार ने इतनी बड़ी संख्या में शिक्षा से संबंधित कार्यक्रम में आने के लिए समस्त मीडिया बंधुओं का तहे दिल से धन्यवाद प्रेषित करते हुए समस्त मीडिया से उत्तर प्रदेश राज्य के मेधावी विद्यार्थियों के लिए संस्था द्वारा किए जा रहे प्रयासों में सहयोग की अपील की। उन्होंने बताया की संस्था में उत्तर प्रदेश राज्य से अध्यनरत विद्यार्थियों द्वारा अपने मेहनत एवम मेधा के बल पर कई मुकाम हासिल किए गए है, यहां के विद्यार्थियों में टैलेंट की कोई कमी नहीं है। इस राज्य के विद्यार्थी मेहनती होते हैं तथा इन्हीं कारणों से संस्था के चेयरमैन सर के दिशा निर्देश में आज हमलोग उत्तर प्रदेश राज्य के विद्यार्थियों में छुपी प्रतिभा को बाहर निखारने के उद्देश्य से आज हमलोग वाराणसी शहर में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए हैं। जीएनआईओटी ग्रुप तकनीकी, मैनेजमेंट, फार्मेसी, लॉ इत्यादि उच्च शिक्षा के लिए उत्तर प्रदेश राज्य के विद्यार्थियों को हर संभव मदद करती आ रही है तथा आगे भी इस राज्य में शिक्षा के विकास के लिए कई तरह के विभित्र कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
संस्था के सीईगो स्वदेश कुमार सिंह ने बताया की जान संस्था द्वारा संध्या में एक कार्यक्रम आयोजित कर पूरे वाराणसी एवम आसपास के शहरों में शिक्षा के क्षेत्र में अद्द्भुत कार्य करने वाले शिक्षाविदों को भी आमंत्रित किया गया है तथा उन्हें संस्था द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य के अति विशिष्ट गणमान्य अतिथियों के हाथों उन शिक्षाविदों द्वारा किए जा रहे कार्यों के अनुरूप सम्मानित करने का भी कार्य किया जा रहा।
आज के इस प्रेस कांफ्रेंस के दौरान संस्था के चेयरमैन डॉ राजेश गुप्ता, सीईबी स्वदेश कुमार सिंह एवम ग्रुप हेट आउटरीच पंकज कुमार के अलावा संस्था के विमल सिंह, उमेश सिंह, रुपेश राय, अमित रंजन, विवेक सिंह गौतम, आशीष तोमर, अभिनय राज, सिरिजा, चारू, शालिनी सहित बड़ी संख्या में वाराणसी एवम आसपास के शहरों के शिक्षाविद शामिल हुए।