अयोध्या में बने श्रीराम मंदिर के विरोधकों पर कठोर कानूनी कार्यवाही की जाए
वाराणसी-अयोध्या में श्रीरामलला की प्राणप्रतिष्ठा के उपरांत समाजद्रोही संपूर्ण देश में हिन्दुओं पर आक्रमण करना, वाहनों एवं सार्वजनिक संपत्ति में तोडफोड करना, हिन्दू महिलाओं पर आक्रमण करना तथा सामाजिक माध्यमों पर विद्वेषपूर्ण पोस्ट, साथ ही सार्वजनिक मंचों से वक्तव्य देकर देश की एकता, अखंडता, कानून एवं व्यवस्था को संकट में डाल रहे हैं । इस्लामिक स्टेट तथा अन्य मुसलमान आतंकवादी संगठनों ने तो भारत सरकार को अयोध्या के श्रीराम मंदिर को बम से उडा देने की धमकी तक दी है । संपूर्ण देश में ऐसी अनेक घटनाएं हो रही हैं, जिससे संपूर्ण देश में असंतोष तथा भय का वातावरण है । अतः सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से अयोध्या में जहां श्रीराम मंदिर का निर्माण हुआ है; परंतु उसके विरोध में विद्वेष और हिंसा फैलानेवाले, धार्मिक भावनाएं आहत करनेवाले, मुसलमानों की भावनाएं भडकानेवाले, दंगे कराने की धमकी देनेवाले आदि सभी घटकों पर एक विशिष्ट समयसीमा में कठोर कानूनी कार्यवाही करने की मांग हेतु आज वाराणसी में जिलाधिकारी के माध्यम से माननीय केंद्रीय गृहमंत्री को ज्ञापन दिया गया । इस समय वाराणसी व्यापार मंडल अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा, संगठन मंत्री सुनील कुमार गुप्ता, अधिवक्ता सजीवन यादव अधिवक्ता कमलेश चंद्र त्रिपाठी, अधिवक्ता मदन मोहन यादव, अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश, अधिवक्ता विनय जायसवाल, डॉ. अजय जायसवाल, डॉ.नवल किशोर सिंह व अन्य गणमान्य लोगों की उपस्थिति थे ।
इस संदर्भ में हमारी मांगें आगे दिए अनुसार हैं ...*
1. भारत की संप्रभुता को चुनौती देकर झूठे, एकतरफा तथा भडकाऊ समाचार प्रसारित करनेवाले अंतरराष्ट्रीय प्रसारमाध्यमों पर ‘न्यूज क्लिक’ की तर्ज पर राष्ट्रीय सुरक्षा को संकट में डालने का अपराध पंजीकृत कर कठोर कार्यवाही की जाए ।
2. ‘सोशल मीडिया’ पर हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत करनेवालों पर सूचना प्रौद्योगिकी तथा अन्य कानूनों के अंतर्गत अपराध पंजीकृत किए जाएं, साथ ही दोषियों के एकाऊंट ब्लॉक (बंद) किए जाएं ।
3. देश की एकता, अखंडता, शांति, सौहार्द, संप्रभुता, कानून एवं व्यवस्था को बनाए रखने हेतु सुरक्षा बलों एवं प्रशासन को सर्वत्र ध्यान रखने के, साथ ही दोषियों पर कठोर कार्यवाही करने के आदेश दिए जाएं ।