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सर्वविद्या की राजधानी में साहित्योत्सव बनारस लिट् फेस्टः काशी साहित्य-कला उत्सव (दूसरा संस्करण) का भव्य आगाज 10 फरवरी से : डॉ. दीपक मधोक



 04/Feb/24

•बनारस लिट् फेस्टः काशी साहित्य-कला उत्सव का दूसरा संस्करण 10 फरवरी से 12 फरवरी तक
•देश के सांस्कृतिक राजधानी के तीन दिवसीय आयोजन में दिखेंगे भाषा, साहित्य, कला, समाज, संस्कृति के विविध रंग

•साहित्य, संगीत, रंगमंच, सिनेमा, ललित कला, मीडिया समेत विविध विधाओं और ज्ञानानुशासनों के महत्त्वपूर्ण लेखक, कलाकार, आलोचक, कथाकार, कवि, संगीतकार, नाट्यकर्मियों, बुद्धिजीवियों का होगा मजबूत जमावड़ा 
•बनारस की मिट्टी से जुड़े सुप्रसिद्ध बॉलीवुड गीतकार समीर अंजान,  लोकप्रिय अभिनेता आशुतोष राणा, प्रख्यात चित्रकार, लेखक ढब्बूजी के नाम से लोकप्रिय आबिद सुरती, प्रख्यात कवि आलोक धन्वा, प्रेम कुमार मणि, यतींद्र मिश्र, साहित्य अकादमी विजेता साहित्यकार अरुण कमल, उदय प्रकाश, बद्री नारायण, उदय नारायण सिंह (मैथिली), कथाकार एवं कथाक्रम संपादक शैलेन्द्र सागर, कथाकार एवं तद्भव संपादक अखिलेश, कवि-आलोचक अनिल त्रिपाठी समेत अनेक ख्यात लेखक-कलाकर-बुद्धिजीवी होंगे शामिल
•काशी तुम्हें नमन, विश्व भाषा के रूप में हिंदी, विश्व एकत्व का मूल (वसुधैव कुटुम्बकम), साहित्य, लोकतंत्र और राष्ट्रवाद, बहुभाषी कविता पाठ, भारत दर्शन (लोक नृत्य), सफरनामा, समीर अंजान शो, रामराज्य से शिव तांडव, आशुतोष राना शो, कवि सम्मेलन-मुशायरा, कविता पाठ, बतकही, पुस्तक चर्चा, नाट्य मंचन, लेखक-कवि से मिलिए आदि अनेक सत्रों में साहित्य-कला जगत के वैश्विक रचनाकार व बुद्धिजीवी अपने विचार और रचनाओं से श्रोताओं को करेंगे लाभान्वित
“बनारस लिट् फेस्टः काशी साहित्य-कला उत्सव” के दूसरे संस्करण का भव्य आगाज 10 फरवरी से हो रहा है। अनेक कला-साहित्य विधाओं, विषयों, विधाओं के जग प्रसिद्ध कलमकारों, सुरसाधकों, कलाकारों, समालोचकों, नाटककारों, फिल्मकारों, बुद्धिधर्मियों की अभिनव जुटान होगी।
यह आयोजन बनारस के साहित्यिक-सांस्कृतिक परम्परा और साहित्य-कला-संस्कृति के व्यापक सरोकारों को समर्पित है। ज्ञातव्य हो कि यह साहित्य उत्सव अपने पहले आयोजन से ही राष्ट्रीय महत्त्व का कार्यक्रम हो गया है।  
10 से 12 फरवरी तक सांस्कृतिक राजधानी के सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर, बनारस क्लब और अन्य स्थलों पर देश-दुनिया के महत्त्वपूर्ण साहित्यकारों, लेखकों, संस्कृतिकर्मियों, कवि-शायरों, आलोचकों, विचारकों की रचनाओं और विचारों से साहित्य कला अनुरागी रूबरू होंगे।
अपने विषय वैविध्य और साहित्य-कला-संस्कृति के समग्र संयोजन के कारण बनारस लिट् फेस्ट अग्रणी साहित्यिक मंचों में से एक के रूप में उभरा है, जो एक संवादधर्मी आयोजन के रूप में बनारस की गौरवशाली परम्परा और साहित्य के विविध रंगों का प्रतिनिधित्व करता है। 
तीन दिवसीय कार्यक्रम के प्रत्येक दिन कला, संस्कृति और साहित्य में महत्त्वपूर्ण विचार और प्रस्तुतियों को देखने -सुनने का अवसर मिलेगा। बनारस लिट् फेस्ट आयोजन समिति के अध्यक्ष दीपक मधोक व सचिव बृजेश सिंह का मानना है कि यह आयोजन बनारस की गौरवशाली व समृद्ध साहित्य-कला परम्परा को संरक्षित करने, सहेजने एवं उसे विस्तार देने की साझा पहल है। 
संवाद में यक़ीन और यक़ीन की अलख जगाए रखने का यह संवादधर्मी साहित्य उत्सव है। आयोजन की निरंतरता बनाए रखने की सभी शुभचिंतकों, साहित्य-कला प्रेमियों की सदिच्छा का सम्मान करते हैं। 
बृजेश सिंह ने बताया कि बनारस लिट् फेस्टः काशी साहित्य-कला उत्सव के पहले आयोजन को जो 11-12 फरवरी, 2023 को बीएचयू के स्वतंत्रता भवन में संपन्न हुआ था, को बनारस और देश-विदेश के साहित्य-कला प्रेमियों का मजबूत समर्थन मिला था। यह दूसरा संस्करण उन्हीं शुभकामनाओं और उम्मीदों से संभव हो रहा है। 
बनारस के अनेक प्रमुख कवि, साहित्यकार, विद्वान, वैज्ञानिक, बुद्धिजीवी, संस्कृतिकर्मी एवं कलाकर इस आयोजन में शामिल होंगे।
जाने-माने लेखक-कलाकार इस फेस्टिवल का हिस्सा बनेंगे, जैसे समीर अंजान, आशुतोष राना, आबिद सुरती, अरुण कमल, बद्री नारायण, आलोचक प्रेम कुमार मणि, एवरेस्ट विजेता पद्मश्री संतोष यादव,  कवि-शायर वसीम बरेलवी, सुरेंद्र शर्मा, साहित्यकार व सांसद महुआ माजी, वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी, राहुल देव, कथाकार शैलेन्द्र सागर, अखिलेश,  अष्टभुजा शुक्ल, गौतम चटर्जी, डॉ देवब्रत चौबे, दीनबंधु तिवारी, व्योमेश शुक्ल, आशुतोष कुमार ठाकुर, धर्मेन्द्रनाथ ओझा, अल्पना मिश्र, संगम पांडेय, मदन मोहन दानिश, सुरेंद्र शर्मा, गौतम चटर्जी, श्याम बिहारी श्यामल आदि शताधिक लेखक हिस्सेदारी करेंगे।  
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पुत्री शर्मिष्ठा मुखर्जी अपनी पुस्तक “ÞPRANAB MY FATHER, A DAUGHTER REMEMBERS “ पर “टॉक ऑन प्रणब” सत्र में बात करेंगी। 
अंग्रेजी के चर्चित लेखक - पत्रकार- साहित्यकार- विश्लेषक भी भाग लेंगे जिनमें वरिष्ठ लेखक-पत्रकार गजाला वहाब, उत्पल कुमार, बानीब्रत महंता, अतुल कुमार ठाकुर, ओमेर अहमद सम्मिलित हैं। 
प्रो राणा पी बी सिंह, डॉ आनंद सिंह, राजशेखर बसु, नीता कुमार, प्रदीप नारायण सिंह पुस्तक चर्चा में भाग लेंगे। बनारस के अनेक साहित्यकार, संगीतज्ञ, बुद्धिजीवी, चित्रकार, विद्वान भी इस अनूठे उत्सव में सक्रिय भागीदारी करेंगे। 
पद्मश्री राजेश्वर आचार्य, डॉ नागेंद्र पांडेय, डॉ रामसुधार सिंह, आचार्य चंद्रमौलि उपाध्याय जैसे अनेक विद्वान और शब्दशिल्पियों की शुभकामनाएँ इस आयोजन में है। 
देवाशीष डे, विदुषी वर्मा, विद्याधर व्यास, विधि नागर, संजय कुमार सिंह और अनेक कवि, गायक, गीतकार भी इस आयोजन में भागीदारी कर रहे हैं। प्रसिद्ध फौजिया दास्तानगो की प्रस्तुति भी इस आयोजन का प्रमुख आकर्षण है। पूर्व पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह, आईएएस अधिकारी आंजनेय कुमार सिंह आदि अनेक प्रशासनिक अधिकारी भी इसमें लेखकीय भागीदारी करेंगे। 
काशी साहित्य कला उत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष दीपक मधोक, उपाध्यक्ष अशोक कपूर, सचिव बृजेश सिंह, समन्वयक धवल अग्रवाल, राहुल सिंह, गोविंद सिंह, धर्मेंद्र कुमार, मुकेश सिंह आदि ने इसे बनारस का अपना आयोजन बताया।
12 फरवरी को साहित्य सत्रों के साथ ही विभिन्न विधाओं एवं अनुशासनों में उल्लेखनीय योगदान करने वाले सात मूर्द्धन्य हस्तियों को गोमती देवी उत्कृष्टता सम्मान एवं 11 अन्य महत्त्वपूर्ण लोगों को नव भारत सर्जक सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। 
सुपर 30 के संस्थापक गणितज्ञ पद्मश्री आनंद कुमार (शिक्षा), पद्मश्री संतोष यादव (महिला सशक्तीकरण), परमवीर चक्र विजेता कैप्टन योगेंद्र सिंह यादव (आजीवन उपलब्धि), आर पी सिंह (खेल), एम पी सिंह एवं रमेश धनकड़  (समाज कार्य), डॉ. अड्डापल्ली (विज्ञान) आदि विभिन्न क्षेत्रों में किये गए उत्कृष्ट योगदानों के लिए गोमती देवी उत्कृष्टता सम्मान से सम्मानित होंगे।

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