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सनबीम विद्यालय लहरतारा में पं0 रोनू मजूमदार का बांसुरी वादन सुनकर श्रोता भावविभोर हुए



 19/Jan/24

वाराणसी 18 जनवरी। आज सनबीम विद्यालय समूह तथा स्पिक मैके के संयुक्त तत्वाधान में सनबीम लहरतारा के स्पंदन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में आपने अपना बांसुरी वादन का कार्यक्रम प्रस्तुत किया। आपके साथ तबले पर श्री इंद्रनील मल्लिक तथा बांसुरी पर श्री कल्पेश सचाला ने संगति की। आपके कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह को मनमोहित कर लिया। उल्लेखनीय है कि सनबीम विद्यालय समूह के सभी विद्यालयों में काशी की संगीत परम्परा की विरासत को पूर्णरूप से संजोकर रखा गया है जिसका परिणाम है कि समय-समय पर विद्यालय में अनेक प्रकार के सांस्कृतिक व संगीत के अनेक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं जिनमें न केवल काशी अपितु विश्व स्तर के सभी ख्यातिलब्ध कलाकारों को कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया जाता है। इस क्षेत्र में सनबीम विद्यालय समूह, स्पिक मैके तथा अन्य सांस्कृतिक संस्थाओं का सराहनीय महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

 

1981 में, रोनू मजूमदार ने ऑल इंडिया रेडियो प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार और राष्ट्रपति का स्वर्ण पदक जीता। आप पैसेज और चैंट्स ऑफ इंडिया जैसे एल्बमों में पंडित रविशंकर के साथ जुड़े रहे हैं आपके नाम 30 से अधिक ऑडियो रिलीज़ हैं। संगीत के प्रति समर्पण के लिए उन्होंने 1999 में प्रतिष्ठित आदित्य विक्रम बिड़ला पुरस्कार जीता। सहारा इंडिया परिवार ने उन्हें ज्योति दिवस 2001 के अवसर पर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया। 2014 में उन्होंने प्रतिष्ठित संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार जीता

आज, आप बांसुरी वादन के अधिक लोकप्रिय संगीतकारों में से एक हैं, और अपने रचनात्मक सुधारों के लिए युवा पीढ़ी के बीच विशेष रूप से लोकप्रिय हैं। पं. मजूमदार का संगीत मैहर घराने में निहित है, जिसका श्रेय पं. रविशंकर और उस्ताद अली अकबर खान जैसे प्रख्यात संगीतकारों को जाता है पूरे भारत में विभिन्न संगीत समारोहों में अपने संगीत कार्यक्रमों के अलावा, उन्होंने मॉस्को में भारत महोत्सव और नई दिल्ली में एशियाड '82 में भी भाग लिया। उन्होंने यूरोप, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, जापान, सिंगापुर, थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और मध्य पूर्व में बड़े पैमाने पर दौरा किया है। आपको अन्य प्रमुख वाद्यवादकों के साथ कई सहयोगों और जुगलबंदियों के लिए भी जाना जाता है। एक नवोन्वेषी संगीतकार, आपने संगीत के अन्य रूपों, विशेष रूप से पश्चिमी शास्त्रीय संगीत के साथ हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के मिश्रण में कई रचनाएँ भी बनाई हैं , जिनमें कैरीइंग होप (म्यूज़िक टुडे), ट्रैवलर्स टेल , सॉन्ग ऑफ़ नेचर (मैग्नासाउंड) शामिल हैं। इस अवसर पर सनबीम विद्यालय समूह के अध्यक्ष डॉ0 दीपक मधोक, निदेशिका श्रीमती भारती मधोक, उपनिदेशिका श्रीमती अमृता बर्मन एवं मानद निदेशक श्री हर्ष मधोक एवं अनेक गणमान्य नागरिक एवं सनबीम विद्यालय परिवार के सदस्य तथा सनबीम विद्यालय छात्रावास के छात्रगण उपस्थित थे।

 

 


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