वाराणसी। विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने के मामले में आरोपी को कोर्ट से राहत मिल गयी। प्रभारी सत्र न्यायाधीश (देवकांत शुक्ला) की अदालत ने नरायनपुर अंश थाना चौबेपुर निवासिनी आरोपी पूनम विश्वकर्मा को 50-50 हजार रुपये की दो जमानते एवं बन्धपत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता उपेन्द्र राणा यादव, वीर बहादुर सिंह जेलर, रिशव सिंह आनंद व टिंकू ने पक्ष रखा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार ग्राम तेवर, थाना चोलापुर निवासी वादी हरिश्याम विश्वकर्मा जो फर्नीचर आदि बनाने का कार्य करता है। उसने सारनाथ थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी कि उसकी दूर की रिश्तेदार पूनम विश्वकर्मा जो सना मैनपॉवर एजेंसी का संचालन करती है, जिसमें कांटेक्ट के तहत लोगों को विदेश में नौकरी दिलाने के लिए कार्य किया जाता है। उक्त पूनम विश्वकर्मा ने फोन कर वादी से कहा कि मेरी कंपनी के पास विदेश में कारपेंटर के कार्य के लिए ऑफर आया है। तब वादी उक्त बातों की जानकारी के लिए पूनम विश्वकर्मा के पास गया तो पूनम द्वारा बताया गया कि तुम्हें मालदीप हार्ड्स कंपनी प्राइवेट लिमिटेड में कारपेंटर के पद पर रखा जाएगा। तुम्हारी तनख्वाह 350 / 4.50 डॉलर रुपया प्रतिमा होगी तथा जो भी ओवर टाइम करना पड़ेगा उसका पैसा अलग से मिलेगा तथा साथ में वहां रहना खाना पीना सबका खर्च कंपनी उठेगी। वादी उक्त पूनम की बातों को सुनकर वह मालदीप जाने की प्रक्रिया को समझ कर वादी ने भाग दौड़कर 7 अक्टूबर 2016 को अपना पासपोर्ट बनवाकर पूनम से मिला तो उक्त पूनम ने कहा कि अब तुम्हें कल 85000 देना होगा जिसमें विजा, सर्विस चार्ज, जाने का टिकट आदि का खर्च रहेगा। उक्त बातों से तस्दीक होकर वादी ने उक्त पूनम को ₹85000 दे दिया कुछ दिन उपरांत उक्त पूनम विश्वकर्मा ने वादी को बुलाया और कहा आपका टिकट वीजा वगैरा सब तैयार हो गया है विदेश जाने की तैयारी करें। इसके बाबत वादी व उक्त पूनम के बीच 26 जुलाई 2017 को एक आपसी इकरारनामा ₹100 स्टांप पर तैयार किया गया। वादी उक्त अपॉइंटमेंट लेटर वह इकरारनामा के शर्तो व एप्वाइंटमेंट एपूवल लेटर 12 जुलाई 2017 पद कारपेंटर के अनुसार उक्त हाइट्स कंपनी प्राइवेट लिमिटेड में काम करने के लिए पहुंचा तो वहां पर वादी का पासपोर्ट जमा कर लिया गया और वादी को कंपनी में गिट्टी, बालू हटाने व नाले का कचरा आदि साफ कराए जाने का काम एप्वाइंटमेंट लेटर व एपूवल लेटर व इकरारनामा के शर्तों के विपरीत जबरिया काम करवाया जाने लगा, जिससे वह मानसिक रूप से काफी परेशान हो गया तथा कंपनी में बातचीत किया कि उसका अपॉइंटमेंट कारपेंटर के पद पर हुआ है तो कंपनी के लोगों द्वारा अपशब्दों का प्रयोग करते हुए कहा गया कि तुम्हें जो काम दिया गया है वही करो और ना काम का पैसा मांगो नहीं तो जान से मार कर फेंकवा दिया जाएगा। व किसी तरह कंपनी के चंगुल से निकलकर भारतीय दूतावास माले पहुंचा और कंपनी के बाबत शिकायत किया तो दूतावास माले के दबाव में उक्त कंपनी ने 14 अगस्त 2017 को अनकलेम सर्टिफिकेट व पासपोर्ट उसको दिया तथा 15 जुलाई 2017 को भारतीय दूतावास माले के आदेश के तहत वह 16 अगस्त 2017 को एयर इंडिया की फ्लाइट में वापस वाराणसी (भारत) आया। वादी के साथ उक्त पूनम विश्वकर्मा द्वारा किए गए धोखाधड़ी, पैसा हड़प व उक्त कंपनी के द्वारा उसको जबरिया बंधक बनाकर शर्तों के अनुसार कारपेंटर की जगह नाली व कचरा आदि साफ़ कराकर मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना दी गई।