समाजवादी पार्टी कार्यालय अर्दली बाजार में भारतीय संविधान के शिल्पकार, सामाजिक न्याय के अग्रदूत "भारत रत्न" बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी के परिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। इस अवसर पर बाबा साहब के जीवन दर्शन पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन भी किया गया जिसमें समाजवादी पार्टी के नेता एवं कार्यकर्ताओं ने उनके बताये गए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व महानगर अध्यक्ष विष्णु शर्मा ने कहा कि डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर ने संविधान में अमीर, गरीब, छोटे, बड़े सभी के लिए एक वोट का प्राविधान किया था। उन्होंने अपना पूरा जीवन अछूतों, महिलाओं और मजदूरों की भलाई के लिए न्यौछावर कर दिया।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए जिला प्रवक्ता संतोष यादव बबलू एडवोकेट ने कहा कि डॉ. भीम राव आंबेडकर जी को समानता और न्याय का प्रतीक माना जाता है। वह एक महान सामाजिक कार्यकर्ता थे। सभी भारतीयों में समानता लाने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की। उनका कहना था कि शिक्षा सामाजिक परिवर्तन का माध्यम है। समय आने पर भूखे रहो लेकिन अपने बच्चों को जरूर पढ़ाओ। उन्होंने कहा है कि शिक्षा बाघिन का वह दूध है जो उसे पिएगा वह बाघ की तरह गुर्राएगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व महानगर अध्यक्ष विष्णु शर्मा एवं संचालन जिला प्रवक्ता संतोष यादव बबलू एडवोकेट ने किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से सपा के पूर्व महानगर अध्यक्ष विष्णु शर्मा, शिवबली विश्वकर्मा, संजय पहलवान, सोनू विश्वकर्मा, रामकुमार यादव पार्वती कन्नौजिया,आर पी यादव, कारीमुल्लाह अंसारी, सत्यनारायण, विजय टाटा, रियाज अहमद पप्पू, राजू यादव, शिवप्रसाद गौतम, राकेश मौर्या, दयाराम यादव, रमापति राजभर, काशीनाथ यादव, रणविजय पटेल, रामु चौहान, विनोद शुक्ला व गौतम सोनकर आदि लोगो ने विचार व्यक्त किया।