वाराणसी। चिकित्सा स्वास्थ्य व परिवार विभाग एवं आईएमएस बीएचयू के संयुक्त सहयोग से वाराणसी में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू हुए आईसीएमआर के हृदयाघात उपचार परियोजना हार्ट अटैक ट्रीटमेंट प्रोजेक्ट के तहत सोमवार को बीएचयू के हृदय रोग विभाग में बैठक आयोजित की गई। बैठक में आईएमएस बीएचयू के निदेशक सहित मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी, हृदय रोग विशेषज्ञ प्रो डॉ. धर्मेंद्र जैन, डॉ. पायल सिंह, एवं सरकारी चिकित्सालयों के चिकित्सा अधिकारी, स्टाफ नर्स और फार्मासिस्ट मौजूद रहे।
निदेशक ने बताया कि स्टेमी केयर प्रोजेक्ट वाराणसी सहित प्रदेश के आठ अन्य जनपदों में शुरू किया गया है। वाराणसी में यह प्रोजेक्ट बीएचयू के हृदयरोग विभाग के प्रोफेसर व स्टेमी केयर प्रोजेक्ट के प्रधान अन्वेषक डॉ धर्मेन्द्र जैन और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी के नेतृत्व में चल रहा है।
प्रो डॉ धर्मेंद्र जैन ने स्टेमी केयर प्रोजेक्ट के स्पोक एंड हब के लिए डाटा एंट्री एप व व्हाट्सएप ग्रुप के बारे में जानकारी दी। इस एप और व्हाट्सएप ग्रुप से आईसीएमआर, आईएमएस के विशेषज्ञ, चिकित्सक सहित सभी चिकित्सा इकाइयों के चिकित्सक व स्टाफ जुड़े रहेंगे। सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने हृदयाघात (स्टेमी) के निदान ईसीजी की भूमिका के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसके अलावा उन्होंने एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम के बारे में विस्तृत जानकारी दी। सीनियर रिसर्च फैलोशिप डॉ पायल सिंह ने स्टेमी प्रोटोकॉल के कार्यान्वयन, रोगियों के सहमति पत्र, चेकलिस्ट आदि के विषय में विस्तृत जानकारी दी।
बैठक में बताया गया कि वाराणसी के जिला चिकित्सालय व स्वास्थ्य केन्द्रों में ईसीजी और थ्रंबोलिसिस थेरेपी की व्यवस्था की गई है। यह प्रोजेक्ट हृदय रोग से होने वाली मृत्यु में कमी लाने में अहम भूमिका निभाएगा।