MENU

51 सुसज्जित बजड़ों पर हजारों भक्तों ने झांकियों के साथ निकाली भगवान श्री चित्रगुप्त जी महाराज की भव्य शोभयात्रा



 15/Nov/23

21 फुट ऊंची भगवान श्री चित्रगुप्त जी की विशाल प्रतिमा पर हुई महाआरती, भव्य नाट्यमंचन रहा विशेष आकर्षण का केंद्र 

अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के तत्वाधान मे भगवान श्री चित्रगुप्त जी महराज की भव्य शोभायात्रा यम द्वितीया दिनांक 15 नवम्बर 2023 को निकाली गई।

दशकों से चलाई जा रही परंपरागत शोभायात्रा का इस वर्ष का आयोजन विशेष रहा। शोभायात्रा माँ गंगा की गोद में अस्सी घाट से डॉ. राजेन्द्र प्रसाद घाट तक 51 सजे-धजे बजड़ो से निकली। भव्य शोभायात्रा के साथ अस्सी घाट पर महापूजनोत्सव भी आयोजित हुआ जिसमे भगवान श्री चित्रगुप्त जी महराज की 21 फीट की ऊंची भव्य प्रतिमा पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महासभा के राष्ट्रीय संरक्षक महेश चन्द श्रीवास्तव के नेतृत्व में पूजन, अर्चन एवं महाआरती की गई।

शोभायात्रा पर विभिन्न घाटों पर उपस्थित महासभा के सैकड़ों टोलियों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। शोभायात्रा के डॉ. राजेन्द्र प्रसाद घाट पर पहुंचने पर मुख्य अतिथि महेश चन्द श्रीवास्तव एवं महासभा के वरिष्ठ पदाधिकारीयों ने

कायस्थ कुल गौरव भारत के प्रथम राष्ट्रपति, भारत रत्न स्व० डा० राजेन्द्र प्रसाद जी के मूर्ति पर माल्यार्पण कर नमन किया।

कार्यक्रम में मुख्य आशीर्वचनकर्ता, मुख्य वक्ता परम् श्रद्धेय परम पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती जी, काशी सुमेरु पीठाधीश्वर द्वारा उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं को प्रेरणादाई आशीर्वचन श्रवण करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महेश चन्द श्रीवास्तव ने कहा कि आज हम सबका सौभाग्य है की भगवान चित्रगुप्त जी की पूजा कर पुण्य अर्जित कर रहे हैं। भगवान चित्रगुप्त न्यायब्रह्म हैं, पुण्य और पाप के निष्पक्ष विचारक ही नहीं, फल निश्चित करने वाले शक्तिमान परमेश्वर हैं, वे सनातन धर्म के स्वरूप हैं। हमारे कर्मों का लेखा जोखा केवल एक पौराणिक इकाई नहीं है, बल्कि एक गहन आदर्श है जो मानवीय अनुभव के साथ प्रतिध्वनित होता है। आत्म-चिंतन की भावना से, हम सबको भगवान चित्रगुप्त जी की भक्ति और शिक्षाओं को अपना कर सत्य, निष्ठा, करुणापूर्ण जीवन जीने का प्रयास करना चाहिए ।

इस अवसर पर विश्व में पहली बार बुद्धि, विवेक और ज्ञान के प्रदाता व लेखनी के आराध्य देव भगवान श्री चित्रगुप्त जी महाराज जी पर आधारित एक भव्य नाट्य मंचन भी विख्यात नाट्य कलाकारों द्वारा हुआ जो गंगापुत्र भीष्म के ब्रह्मा जी के मानस पुत्र ऋषि पुलस्त्य से संवाद जिनमे भगवान श्री चित्रगुप्त जी महराज की महिमा और पूजन का विस्तृत उल्लेख है पर आधारित थी। इसके साथ शिव तांडव स्तोत्र, श्री राधा कृष्ण नृत्य नाट्य आदि सांस्कृतिक कार्यक्रम का मंचन भी हुआ।

कार्यक्रम का समापन प्रसाद वितरण एवं घाट पर महेश चन्द श्रीवास्तव एवं महासभा के सदस्यों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से स्वच्छता श्रमदान भी किया गया।

इस अवसर पर महासभा के पदाधिकारियों ने मुख्य वक्ता आशीर्वचनकर्ता परम पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य नरेन्द्रानंद सरस्वती जी, मुख्य अतिथि महेश चन्द श्रीवास्तव, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. मुकेश श्रीवास्तव, वरिष्ठ मार्गदर्शक निर्मल शंकर श्रीवास्तव, वरिष्ठ पत्रकार स्नेहरंजन, महासभा की राष्ट्रीय महिला मोर्चा उपाध्यक्ष अंजू श्रीवास्तव, महिला मोर्चा अध्यक्ष मेघना श्रीवास्तव व अन्य का सम्मान अंगवस्त्र स्मृतिचिन्ह प्रदान कर अभिनंदन किया । उक्त आयोजन की अध्यक्षता अखिल भारतीय कायस्थ महासभा वाराणसी के जिलाध्यक्ष अनूप कुमार श्रीवास्तव एडवोकेट (पूर्व अध्यक्ष बनारस बार)व संचालन अमन श्रीवास्तव व डॉ० मुकेश श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से किया। आभार प्रदेश के संगठन मंत्री शैलेन्द्र कुमार श्रीवास्तव उर्फ मुन्ना द्वारा किया गया |

इस आयोजन में अपनी सक्रिय भागीदारी योगेश श्रीवास्तव, अमन श्रीवास्तव, काजल श्रीवास्तव, आंचल श्रीवास्तव, पायल श्रीवास्तव, रमन श्रीवास्तव, आशीष श्रीवास्तव, अनिल श्रीवास्तव, रजनीकांत श्रीवास्तव, पंकज श्रीवास्तव, हिमांशु श्रीवास्तव, स्नेहा श्रीवास्तव, अंजली, अनुराधा श्रीवास्तव, अक्षय वर्मा आदि ने प्रस्तुत कर कार्यक्रम को सफल बनाया।


इस खबर को शेयर करें

Leave a Comment

2931


सबरंग