वाराणसी। आज से 50 वर्ष पूर्व 3 नवंबर,1973 को वाराणसी के अत्यंत प्रतिष्ठित और प्राचीन समाज श्री काशी अग्रवाल समाज,वाराणसी द्वारा महाविद्यालय की स्थापना बालिकाओं को उच्च शिक्षा प्रदान कराने के उद्देश्य से की गई थी। उस समय जो एक नन्हा सा बीज रोपित किया गया था, वह आज एक विशाल वृक्ष बनकर हजारों हजार छात्राओं को ज्ञानार्जन की सुविधा मुहैया करा रहा है। वास्तव में स्थापना दिवस एक विनिर्दिष्ट तिथि है, जिस दिन किसी संस्था की नींव पड़ती है, निर्माण होता है। अग्रवाल समाज के हमारे पूर्वजों ने सरस्वती के जिस पावन मंदिर की स्थापना की है,ज्ञान की जो विरासत हमें सौंपी है, उसकी हिफाजत और उसमें इजाफा करना हम सभी का सम्मिलित दायित्व है। आगे आने वाली पीढ़ी को ज्ञान-विज्ञान और जीवन मूल्यों की शिक्षा प्रदान कर उन्हें राष्ट्र सेवा,समाज सेवा के लिये तैयार करने में हमारे शिक्षकों की महती भूमिका है। यह भी जरूरी है के साध्य की प्राप्ति हेतु साधन भी पवित्र और गरिमापूर्ण हो।
किसी भी संस्था के लिए 50 वर्ष की गौरवपूर्ण यात्रा करना बड़े ही हर्ष और फख्र की बात होती है।
यह शुभकामना संदेश अनिल कुमार जैन द्वारा प्रेषित किया गया है।