अपर नगर आयुक्त ने बताया कि गंगा नदी को स्वच्छ एवं प्रदूषण मुक्त करने के लिये भारत सरकार द्वारा डीजल इंजन चलित नावों में सीएनजी लगाया जा रहा है एवं सी.एन.जी इंजन लगाये जाने पर नाविकों को कोई वित्तीय भार नही पड़ रहा है। अभी भी कुछ नाविकों के द्वारा डीजल इंजन से ही नावों को चलाया जा रहा है।
डीजल इंजन वापसी के सम्बन्ध में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व एवं नगर निगम के अधिकारियों के द्वारा नाविक संगठनों से वार्ता की गयी, जिसमें नाविक संगठनों से सभी डीजल इंजन वापस करते हुये सी.एन.जी. युक्त इंजन नावों के संचालन हेतु कहा गया तथा यह भी बताया गया कि डीजल इंजन से प्रदूषण को खतरा है व एन.जी.टी. के द्वारा पारित गाईड लाइन का उल्लघंन है। सीएनजी इंजन मरम्मत के सम्बन्ध में कार्यदायी संस्था के प्रतिनिधि के द्वारा बताया गया वर्तमान में कोई भी सी.एन.जी. इंजन खराब नहीं है, जैसे ही किसी सी.एन.जी. इंजन में खराबी की शिकायत प्राप्त होती है, उसे तत्काल ठीक करा दिया जाता है। बैठक में नाविक संगठनों को बताया गया कि वे अपने पुराने डीजल इंजन वापस कर दें, इस हेतु उनका किसी भी प्रकार का उत्पीड़न नही किया जायेगा, यदि सीएनजी ईंजन में कोई गड़बड़ी होती है, तो उसका निस्तारण संबंधित कम्पनी द्वारा 48 घंटे में प्रत्येक दशा में किया जायेगा, जिस पर नाविक संगठनों ने सहमति व्यक्त की गयी।