दिल्ली व बनारस के भवन स्वामियों ने राजू के सट्टे का साढ़े 52 लाख कर रहा था बेईमानी ?
5 करोड़ 60 लाख की प्रॉपर्टी महज 3 करोड़ 50 लाख की रजिस्ट्री के पीछे काले धन का हुआ इस्तेमाल
आज हम बात करेंगे प्रधानमंत्री मोदी के स्मार्ट सिटी बनारस के अर्दली बाजार पुलिस चौकी के ठीक पीछे करोड़ों की संपत्ति को लेकर मचे बवाल पर।
खबर है कि पिछले दिनों अर्दली बाजार पुलिस चौकी के चंद कदम की दूरी पर बिग बाजार के ठीक पीछे जब भवन स्वामी अशोक सिन्हा और उनकी भतीजी ने गुपचुप तरीके से 10 हजार वर्ग फीट के भवन को बेचने का सौदा 5 करोड़ 60 लाख में अर्दली बाजार क्षेत्र के तीन लोगों से पक्का करके तैयारी में जुटे थे उसी दौरान वाराणसी महिला व्यापार मण्डल की तेज तर्रार अध्यक्ष सुनीता और हिंदू युवा वाहिनी के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने पहुंच कर खूब बवाल काटा।
बता दें कि वाराणसी महिला व्यापार मण्डल अध्यक्ष सुनीता जी अकारण किसी के खिलाफ मोर्चा नहीं खोलाती हैं बल्कि जहां अन्याय होता है वहां डटकर खड़ी हो जाती है।
आईए सीधे बात करते हैं बवाल के पीछे महिला अध्यक्ष सुनीता जी का क्या है पूरा सच।
बताते चलें कि महिला अध्यक्ष सुनीता सोनी के पति बिल्डर / रियल एस्टेट कारोबारी राजू सोनी ने आज से लगभग 4 वर्ष पहले दिल्ली के रहने वाले अशोक सिन्हा और बनारस की रहने वाली उनकी गोद ली गई भतीजी से उपरोक्त प्रॉपर्टी का 5 करोड़ 50 लाख में सौदा पक्का किया था, लेकिन बिल्डर किन्ही कारणों के चलते रजिस्ट्री करा पाने में असमर्थ रहे ।
बस यही से भवन स्वामि और राजू सोने के बीच मतभेद शुरू हो गया। राजू की मानें तो भवन स्वामी अशोक सिन्हा की नियत ख़राब हो गई और वह किसी भी कीमत पर उनका रुपया वापस करना नहीं चाहता था।
इसी बीच आर्दली बाजार के रहने वाले एक खरीदार भारी मुनाफा कमाने की लालच में उक्त जमीन का सौदा करने के लिए अशोक सिन्हा के खाते में 20 लाख रूपये आरटीजीएस कर दिया, लेकिन सिन्हा जी ने उसे करोड़ो की प्रॉपर्टी को बेचने से साफ इनकार कर दिया और उसका नंबर 1 का रुपया भी हजम करना चाहते थे।
प्रॉपर्टी इतने मौके की है कि अर्दली बाजार क्षेत्र के कई बिल्डरों ने अशोक सिन्हा से सौदा करना चाहा लेकिन कोई कामयाब नहीं हो सका, क्योंकि सिन्हा जी की एक ही शर्त थी कि जो सौदा करने के लिए तैयार हो उसे एक साथ तयसुदा धनराशि साढ़े 5 से 6 करोड़ रूपया एक साथ देना होगा, जिसमें कोई सौदागर कामयाब नहीं हो सका।
ताजा मामला इसी प्रॉपर्टी को लेकर गुपचुप तरीके से रजिस्ट्री को लेकर है। चर्चा है कि दिल्ली और बनारस के भवन स्वामी द्वय ने बिल्डर राजू सोनी का साढ़े 52 लाख और दूसरे सौदेबाज का 20 लाख बिना वापस किये उपरोक्त प्रॉपर्टी को अर्दली बाजार क्षेत्र के कारोबारी संजू खान, महफूज और अवैस ने 5 करोड़ 60 लाख में कर दिया है, इसकी सूचना मिलते ही हड़कंप मच गया,
बस यही है बावल की असली जड़।
रियल एस्टेट कारोबारी राजू सोनी की माने तो उपरोक्त प्रॉपर्टी का सौदा करने के लिए उन्होंने अशोक सिन्हा को दिल्ली में जाकर 15 लाख रुपए नगद दिया था और बनारस में रहने वाली उनकी गोद ली गई भतीजी को 35 लाख नगद और ढाई लाख आरटीजीएस से दिया था।
लेकिन इन लोगों की नियत ना तो पैसा वापस करने की थी और नहीं नोटरी सट्टे की शर्तों के अनुसार 2% ब्याज देने रही, लिहाजा बड़े ही गोपनील तरीके से सिन्हा जी दिल्ली से जहाज पर सवार होकर बनारस आए और क्लार्क होटल में रुके थे, जिसकी भनक उन्हें लग गई थी।
इतनी बड़ी रकम को डूबता देख राजू जी किसी तरह पता लगाकर सीधे क्लार्क होटल पहुंचे तो भवन स्वामी अशोक सिन्हा पहले तो घबरा गया, बाद में उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि वे कोई रुपया वापस नहीं करेंगे, बस यही से राजू जी के तेवर कड़े हो गए, और उन्होंने तत्काल इसकी सूचना अपनी पत्नी वाराणसी महिला व्यापार मण्डल की तेज तर्रार अध्यक्ष सुनीता सोनी को भी दिया।
सूचना मिलते ही सुनीता जी अपने व्यापार मंडल के सदस्यों और हिंदू युवा वाहिनी के दर्जनों कार्यकर्ताओं के साथ अर्दली बाजार के मकान पर जा धमकी। फिर शुरू हो गया अध्यक्ष जी का कड़ा तेवर तो खरीदारों के हौसले पस्त हो गए, उन्हें लगा कि कहीं उनके करोड़ों रुपए कमाने का सपना चकनाचूर ना हो जाए और लगाई गई पूजी डूब तो नहीं जाएगी।
बिल्डर राजू सोनी का साफ कहना है कि उनके मेहनत की कमाई का साढ़े 52 लाख रुपया हजम करने की नियत रखने वाले भवन स्वामी अशोक सिन्हा फोन पर लगातार झूठ बोलता रहा कि वो बनारस में नहीं है, लेकिन उसका झूठ तब पकड़ा गया जब उसे उन्होंने क्लार्क होटल में पहुंच कर घेर लिया। वहीं दूसरी ओर महिला व्यापार मण्डल अध्यक्ष सुनीता सोनी और हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने अर्दली बाजार मकान पर पहुँचकर सिन्हा जी की भतीजी को घेरकर ऐसा तांडव मचाया कि खरीदारों से लेकर भवन स्वामियों के हौसले पस्त हो गए। आनन - फानन दिल्ली से आये भवन स्वामी अशोक सिन्हा ने अपने हिस्से का 15 लाख नगद और 2 लाख 50 हजार RTGS के माध्यम से बिल्डर राजू को वापस कर दिया। शेष 35 लाख की बड़ी धनराशि को सिन्हा जी की भतीजी ने बहुत जल्द ही वापस करने का वादा किया है, जो निभाना पड़ेगा, अन्यथा बेईमानों की बेईमानी के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करने वाली महिला अध्यक्ष सुमित सोनी उन्हें कानून के शिकंजे में फँसाने में तनिक भी देरी करने वाली नहीं हैं।
कुल मिलाकर प्रधानमंत्री मोदी का संसदीय क्षेत्र बनारस भले ही स्मार्ट सिटी हो गया है, लेकिन यहां अवैध बिल्डिंग बाकायदा सिंडिकेट बनाकर करोड़ों रुपया काला धन खपाने के लिए ऐसे ही भवन स्वामियों से सौदा करते हैं, जिनकी प्रॉपर्टी में एक लगाओ दो कमाओ का फायदा होने वाला हो।
बिल्डर राजू सोनी की माने तो अर्दली बाजार के इस प्रॉपर्टी में सरकारी नजूल की जमीन ख़रीदारों के कब्जे में है। प्रॉपर्टी खरीदने वालों ने साढ़े 3 करोड़ 50 लाख नंबर 1 में और 2 करोड़ 10 लाख काला धन देकर रजिस्ट्री कराया है।
क्लाउन टाइम्स की पड़ताल अभी जारी है...
हम आपको बहुत जल्द ही दिखाएंगे कि बेईमान भवन स्वामी तथा अर्दली बाजार के धंधे बाज खरीदार और बिल्डर राजू सोनी की विशेष कवरेज के लिए Clown Times TV यूट्यूब चैनल की खबर के लिए बस थोड़ा इंतजार करें।